सेबी ने सूचीबद्धता समाप्त करने के नियम में संशोधन किये

सेबी ने सूचीबद्धता समाप्त करने के नियम में संशोधन किये

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  • Publish Date - March 25, 2021 / 03:39 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:57 PM IST

नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रवर्तकों को कंपनी की प्रतिभूतियों को शेयर बाजार से सूचीबद्धता समाप्त करने के अपने इरादे की सूचना आरंभिक सावर्जनिक घोषणा में देनी चाहिए। सूचीबद्धता समाप्त करने की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और कुशल बनाने के इरादे से यह कदम उठाया गया है।

इसके अलावा नियामक ने उद्यम पूंजी उपक्रम की परिभाषा से प्रतिबंधित गतिविधियों या क्षेत्रों को हटाने का फैसला किया ताकि वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) के अंतर्गत पंजीकृत उद्यम पूंजी कोष के लिये निवेश करना सुगम हो।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक बयान में कहा कि उसके निदेशक मंडल ने सूचीबद्धता समाप्त करने की प्रक्रिया को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिये उससे जुड़े नियमों में कई संशोधनों को मंजूरी दी है।

नई रूपरेखा के तहत स्वतंत्र निदेशकों की समिति को सूचीबद्धता समाप्त करने के प्रस्ताव पर कारण सहित सिफारिश देने की आवश्यकता होगी।

सेबी ने कहा कि सूचीबद्धता समाप्त करने की पक्रिया से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों के लिये समयसीमा निर्धारित की गयी है या संशोधित किया गया है।

प्रवर्तकों या अधिग्रहणकर्ता को कंपनी की सूचीबद्धता समाप्त करने के अपने इरादे के बारे में आरंभिक सार्वजनिक घोषणा में खुलासा करना होगा।

इसके अलावा प्रवर्तक को सूचीबद्धता समाप्त करने के लिये संकेत मूल्य देना होगा जो न्यूनतम मूल्य से कम नहीं होना चाहिए।

अगर ‘रिवर्स बुक बिल्डिंग’ के जरिये निकली कीमत अगर न्यूनतम मूल्य या सांकेतिक मूल्य के बराबर है, तो प्रवर्तक उसे मानने के लिये बाध्य होगा।

इसके अलावा मर्चेन्ट बैंकर की भूमिका के बारे में विस्तार से सूचना दी गयी है।

एआईएफ के संदर्भ में सेबी ने वैकल्पिक निवेशक कोष नियमों में संशोधन किया है। इसका मकसद एंजल फंड के निवेश के मकसद से स्टार्टअप की परिभाषा देना है

इसके अलावा सेबी ने एआईएफ को अन्य एआईएफ के यूनिट और निवेश कंपनियों के प्रतिभूतियों में निवेश की अनुमति देने का निर्णय किया है। यह कुछ शर्तों पर निर्भर है।

भाषा

रमण मनोहर

मनोहर