सेबी ने कम जोखिम वाले विदेशी निवेशकों के लिए प्रतिभूति बाजार में भागीदारी को बनाया सुगम

सेबी ने कम जोखिम वाले विदेशी निवेशकों के लिए प्रतिभूति बाजार में भागीदारी को बनाया सुगम

  •  
  • Publish Date - December 3, 2025 / 07:37 PM IST,
    Updated On - December 3, 2025 / 07:37 PM IST

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने सरकारी स्वामित्व वाले कोष जैसे कम जोखिम वाले विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय प्रतिभूति बाजार में भागीदारी को सुगम बनाने के लिए कदम उठाया है। इसके तहत नियामक ने एकल खिड़की पहुंच की शुरुआत की है। इस कदम का उद्देश्य अनुपालन को सरल बनाना और निवेश गंतव्य के रूप में देश को और आकर्षक बनाना है।

नया ढांचा… विश्वसनीय विदेशी निवेशकों के लिए एकल खिड़की स्वचालित और सामान्यीकृत पहुंच (स्वागत-एफआई)… कम जोखिम वाले विदेशी निवेशकों को आसान निवेश पहुंच प्रदान करेगा, विभिन्न निवेश मार्गों में एकीकृत पंजीकरण प्रक्रिया को सक्षम करेगा और ऐसी संस्थाओं के लिए बार-बार अनुपालन और दस्तावेजों की जरूरत को कम करेगा।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड द्वारा पहचाने गए कम जोखिम वाले विदेशी निवेशकों में सरकारी स्वामित्व वाले फंड, केंद्रीय बैंक, सरकारी संपत्ति कोष, बहुपक्षीय संस्थाएं, उच्च विनियमित सार्वजनिक खुदरा फंड और उचित रूप से विनियमित बीमा कंपनियों के साथ पेंशन कोष शामिल हैं।

एक दिसंबर की दो अलग-अलग अधिसूचनाओं के अनुसार, सेबी ने एफपीआई और विदेशी उद्यम पूंजी निवेशकों (एफवीसीआई) के लिए स्वागत-एफआई ढांचा पेश किया है। इसे प्रभावी बनाने के लिए, सेबी ने एफपीआई और एफवीसीआई नियमों में संशोधन किया है, जो एक जून, 2026 से लागू होंगे।

सेबी निदेशक मंडल ने सितंबर में इस संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। यह संशोधन उस मंजूरी के बाद किया गया है।

नए ढांचे के तहत, नियामक ने पंजीकरण के लिए आवेदन करने वाले/पहले से ही एफपीआई के रूप में पंजीकृत स्वागत-एफआई को बिना किसी अतिरिक्त दस्तावेज की आवश्यकता के, एफवीसीआई के रूप में भी पंजीकरण करने का विकल्प दिया है।

एफपीआई और एफवीसीआई दोनों नियमन के तहत पंजीकरण से स्वागत-एफआई भारतीय कंपनियों के सूचीबद्ध इक्विटी उपकरणों और ऋण प्रतिभूतियों में एफपीआई के रूप में और निर्दिष्ट क्षेत्रों में कार्यरत गैर-सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों और स्टार्टअप में संबंधित नियमों के तहत एफवीसीआई के रूप में निवेश करने में सक्षम होंगे।

अनुपालन को आसान बनाने के लिए, नियामक ने पंजीकरण जारी रखने की अवधि को मौजूदा तीन या पांच साल से बढ़ाकर 10 साल कर दिया है। इसमें शुल्क का भुगतान और केवाईसी दस्तावेजों की समीक्षा शामिल है।

अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (आईएफएससी) से संचालित एफपीआई के लिए कारोबार को सुगम बनाने के लिए, सेबी ने आईएफएससी में निवासी भारतीय प्रायोजक या प्रबंधक के साथ खुदरा योजनाओं को एफपीआई के रूप में पंजीकरण करने की अनुमति दी है।

वर्तमान में, आईएफएससी में एक निवासी भारतीय प्रायोजक या प्रबंधक के साथ वैकल्पिक निवेश कोष को एफपीआई के रूप में पंजीकरण करने की अनुमति है।

सेबी के आंकड़ों के अनुसार, 30 जून, 2025 तक भारत में 11,913 पंजीकृत एफपीआई थे, जिनके पास 80.83 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति थी। एक अनुमान के अनुसार, स्वागत-एफआई कुल एफपीआई की संपत्ति का 70 प्रतिशत से अधिक योगदान कर रहे हैं।

भाषा रमण अजय

अजय

अजय

शीर्ष 5 समाचार