जिनेवा, 11 मई (एपी) अमेरिका और चीन ने रविवार को शुल्क वार्ता फिर से शुरू की, लेकिन ऐसा लग रहा है कि बातचीत की वर्तमान स्थिति को लेकर दोनों पक्षों के अलग-अलग विचार हैं।
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ”बड़ी प्रगति” हो रही है।
दोनों पक्ष जिनेवा में चर्चा के दूसरे और अंतिम दिन बातचीत कर रहे हैं।
बीजिंग ने अभी तक सीधे तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन इसकी आधिकारिक समाचार एजेंसी ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि चीन ”किसी भी ऐसे प्रस्ताव को दृढ़ता से खारिज करेगा, जो मूल सिद्धांतों से समझौता करने का दबाव बनाता हो या वैश्विक समानता के व्यापक उद्देश्य को कमजोर करता हो।”
फिर भी, ट्रंप ने रविवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि ”बड़ी प्रगति” हो रही है।
उन्होंने कोई और विवरण नहीं दिया। व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने भी बहुत कम जानकारी दी। वार्ता को गुप्त रखा गया है और शनिवार को वापस जाते समय दोनों पक्षों ने पत्रकारों से कोई बातचीत नहीं की।
इस बातचीत का मकसद दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार को नुकसान पहुंचाने वाले विवाद को कम करना है।
अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर चीन के वाइस प्रीमियर ही लाइफेंग के नेतृत्व में एक चीनी प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत कर रहे हैं।
इस बातचीत से कोई बहुत बड़ा नतीजा सामने आने की उम्मीद कम है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि दोनों देश भारी भरकम शुल्क में कटौती कर सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो इससे दुनिया भर के वित्तीय बाजारों और अमेरिका-चीन व्यापार पर निर्भर कंपनियों को राहत मिलेगी।
आयात पर उच्च शुल्क लगाने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के बाद चीन ने भी जवाबी कदम उठाए और दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध जैसी स्थिति बन गई।
ट्रंप के शुल्क लगाने के बाद अप्रैल में चीन ने भी जवाब में अमेरिका पर शुल्क लगाने की घोषणा की थी। अब चीन के खिलाफ अमेरिका का शुल्क 145 प्रतिशत है जबकि अमेरिका पर चीन ने 125 प्रतिशत शुल्क लगा रखा है।
भाषा अजय पाण्डेय
पाण्डेय