एसआईएमए की सूती कपड़ा क्षेत्र के अंशधारकों से एकजुट होने की अपील

एसआईएमए की सूती कपड़ा क्षेत्र के अंशधारकों से एकजुट होने की अपील

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  • Publish Date - May 11, 2022 / 09:30 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:10 PM IST

कोयंबटूर, 11 मई (भाषा) दक्षिणी भारत मिल्स संघ (एसआईएमए) ने बुधवार को संकट से निजात पाने के लिए सरकार से कुछ ‘अदूरदर्शी’ नीतिगत निर्णय लेने की मांग करने के बजाय सूती कपड़ा मूल्य श्रृंखला में सभी अंशधारकों से एकजुट रहने और सभी के लाभ का रास्ता अपनाने की अपील की।

संघ ने कहा कि कपास और धागे के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने या मात्रात्मक प्रतिबंध लगाने से वैश्विक बाजार में एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में देश की छवि खराब होगी।

यह अपील केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सलाह की पृष्ठभूमि में आई है, जिन्होंने नौ मई को यहां अंशधारकों से आग्रह किया था कि वे ऐसी कोई भी मांग करने से बचें, जो एक हिस्से को लाभ पहुंचाती हो, लेकिन मूल्य श्रृंखला में दूसरों को प्रभावित करती हो। एसआईएमए के अध्यक्ष रवि सैम ने यहां एक बयान में कहा कि गुजरात शंकर-6 मानक किस्म के कपास की कीमत मार्च, 2022 की शुरुआत में 76,600 रुपये प्रति कैंडी थी, जो अब 99,000 रुपये पर है।

उन्होंने बताया कि सूती धागे की कीमत पहले 411 रुपये प्रति किलोग्राम थी और अब यह 481 रुपये प्रति किलोग्राम है।

उन्होंने कहा कि भारतीय स्पिनरों ने 14 अप्रैल के बाद 10 लाख गांठों का अनुबंध किया है, जबकि सत्र की शुरुआत से 13 अप्रैल तक अनुबंधित 5 से 6 लाख गांठें जून के अंत तक ही मिल सकती हैं।

उन्होंने सभी अंशधारकों से कपड़ा आयुक्त के कार्यालय में रिटर्न दाखिल करने की अपील की है ताकि उद्योग और सरकार के पास किसी भी रणनीति की योजना बनाने के लिए विश्वसनीय आंकड़ा प्राप्त हो सके।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय