नारेडको के अध्यक्ष हीरानंदानी ने स्लम पुनर्वास नीति में सुधार की वकालत की
नारेडको के अध्यक्ष हीरानंदानी ने स्लम पुनर्वास नीति में सुधार की वकालत की
मुंबई, चार सितंबर (भाषा) रीयल एस्टेट कंपनियों के संगठन नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने शुक्रवार को कहा कि यदि सरकार बड़ी विकास परियोजनाओं को डेवलपरों से अपने हाथ में लेने की उम्मीद करती है, तो मौजूदा झोपड़पट्टी या स्लम पुनर्वास नीति को पूरी तरह से सुधारने की जरूरत है।
बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) द्वारा आयोजित एक आभासी बैठक में हीरानंदानी ने कहा कि जब तक सरकार निर्माण, बुनियादी ढांचे और रीयल एस्टेट क्षेत्रों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से प्रोत्साहन नहीं देगी, तब तक भारत पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पायेगा।
उन्होंने कहा कि धारावी में एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी पुनर्वास परियोजना के लिये बोलियों को रद्द करने से परियोजना में और देरी होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘झोपड़पट्टी नीति को 18-20 साल पहले तैयार किया गया था और यह अवधारणा 5-10 वर्षों में पुनर्वास को पूरा करने के लिये थी। हालांकि, कई प्रक्रियाएं लायी गयीं और जमीनी स्तर पर हस्तक्षेप किये गये, लेकिन यह सफल नहीं हो सकी। इसलिये हमें मौजूदा झोपड़पट्टी पुनर्वास नीति और पूरे वित्तपोषण तंत्र में एक व्यापक सुधार की आवश्यकता है।’’
भाषा सुमन अजय
अजय

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