स्पाइसजेट पुनरुद्धार प्रक्रिया ‘अच्छी चल रही’, एक साल में बेड़े को दोगुना करेंगे: अजय सिंह

स्पाइसजेट पुनरुद्धार प्रक्रिया ‘अच्छी चल रही’, एक साल में बेड़े को दोगुना करेंगे: अजय सिंह

  •  
  • Publish Date - April 16, 2025 / 06:09 PM IST,
    Updated On - April 16, 2025 / 06:09 PM IST

नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) घरेलू एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने बुधवार को कहा कि कंपनी की पुनरुद्धार योजना ‘बहुत अच्छी तरह से चल रही है’ और एयरलाइन अगले 12 महीनों में अपने मौजूदा बेड़े को दोगुना करने की राह पर है।

जनवरी में, स्पाइसजेट ने अप्रैल के मध्य तक चार बोइंग बी 737 मैक्स सहित अपने 10 ठप विमानों को फिर से परिचालन में लाने की योजना की घोषणा की थी।

एयरलाइन ने कहा था कि उसने अक्टूबर, 2024 से अपने बेड़े में 10 विमान जोड़े हैं, जिनमें तीन ठप विमानों को फिर से सेवा में लाया गया और सात पट्टे पर शामिल किए गए।

स्पाइसजेट को वित्तीय संकट और विमान पट्टेदारों के साथ कानूनी विवादों सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। हाल के महीनों में, कंपनी ने धन जुटाया है और पुनरुद्धार के रास्ते पर है।

यहां यात्रा सम्मेलन के दौरान स्पाइसजेट की पुनरुद्धार योजना के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने संवाददाताओं से कहा, “यह बहुत अच्छी तरह से चल रही है और अगले साल तक हमें अपने वर्तमान बेड़े को दोगुना करने की उम्मीद है…फिलहाल हमारे सभी विमान ठप हैं, फिर भी हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि हम सही रास्ते पर हैं और अगले 12 महीनों में हम वर्तमान स्थिति से दोगुने हो जाएंगे। कंपनी अच्छा प्रदर्शन कर रही है और काफी अच्छी तरह से पुनरुद्धार कर रही है।”

स्पाइसजेट के बेड़े में 10 जनवरी तक कुल 62 विमानों में से 28 विमान परिचालन में थे, जिनमें 20 बी737, छह डी हैविलैंड कनाडा डीएचसी-8 डैश 8 और दो एयरबस ए320 शामिल थे।

इसके अलावा, जब अमेरिका के साथ चल रहे शुल्क युद्ध में चीन द्वारा अपने विमानन कंपनियों को बोइंग विमानों की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाने के प्रभाव के बारे में पूछा गया, तो स्पाइसजेट के सिंह ने कहा, “हम विनिर्माताओं के साथ चर्चा करेंगे और देखेंगे कि हम अपनी स्थिति को किस तरह बेहतर बना सकते हैं। हमें नहीं पता कि स्थिति क्या है। चीन को कितने विमान दिए जा रहे हैं और उन विमानों का क्या होगा।”

उन्होंने आगे कहा कि ‘जो कुछ हुआ है, उससे हम जितना लाभ उठा सकते हैं, निश्चित रूप से हम ऐसा करेंगे।’

भाषा अनुराग रमण

रमण