नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) शेयर बाजार बीएसई ने सोमवार को लघु एवं मझोली कंपनियों (एसएमई) के मुख्य सूची में स्थानांतरण और अन्य शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कंपनियों की सीधी सूचीबद्धता संबंधी पात्रता मानकों को कड़ा कर दिया।
बीएसई ने एक बयान में कहा कि इस कदम का उद्देश्य ‘पारदर्शिता एवं खुलासा को प्रोत्साहन और सूचीकरण की गुणवत्ता में सुधार’ करना है।
संशोधित नियमों के तहत अब एसएमई को मुख्य सूची में लाने या प्रत्यक्ष सूचीबद्धता की मंशा रखने वाली कंपनियों का पिछले तीन वित्त वर्षों में हर साल न्यूनतम 10 करोड़ रुपये का परिचालन लाभ होना चाहिए।
पहले के नियमों में यह प्रावधान था कि तीन में से कम-से-कम दो वित्त वर्षों में सकारात्मक परिचालन लाभ होना चाहिए।
इसके अलावा, न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारकों की संख्या भी 250 से बढ़ाकर 1,000 कर दी गई है।
नई व्यवस्था के तहत, कंपनियों को पिछले छह महीनों में सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों की भारित औसत संख्या के कम-से-कम पांच प्रतिशत शेयरों का कारोबार होना चाहिए और इस अवधि के 80 प्रतिशत कारोबारी दिवसों में शेयरों का लेनदेन हुआ हो।
इसके साथ ही, एसएमई कंपनियों के पास पिछले तीन वित्त वर्षों में से हर साल तीन करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति होनी चाहिए। इसके अलावा तीन वर्षों का अनुपालन रिकॉर्ड भी जरूरी होगा।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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