स्विट्जरलैंड ने भारत को स्विस बैंक खाते के विवरण की तीसरी सूची सौंपी

स्विट्जरलैंड ने भारत को स्विस बैंक खाते के विवरण की तीसरी सूची सौंपी

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  • Publish Date - October 11, 2021 / 04:40 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:33 PM IST

नयी दिल्ली/बर्न, 11 अक्टूबर (भाषा) स्विट्जरलैंड ने भारत को स्विस बैंक खाते के विवरण की तीसरी सूची दी है। यूरोपीय देश ने 96 देशों के साथ एक सालाना अभ्यास के तहत लगभग 33 लाख वित्तीय खातों का विवरण साझा किया।

स्विट्जरलैंड के संघीय कर प्रशासन (एफटीए) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि इस साल सूचनाओं के आदान-प्रदान में 10 और देश – एंटीगुआ और बारबुडा, अजरबैजान, डोमिनिका, घाना, लेबनान, मकाऊ, पाकिस्तान, कतर, समोआ और वुआतू शामिल हैं।

जहां 70 देशों के साथ पारस्परिक आदान-प्रदान किया गया, स्विट्जरलैंड ने 26 देशों के मामले में कोई जानकारी नहीं दी। इसका कारण यह था कि या तो वे देश (14 देश) अभी तक गोपनीयता और डेटा सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय जरूरतों को पूरा नहीं करते हैं या उन्होंने (12 देश) डेटा हासिल करना जरूरी नहीं समझा।

हालांकि, एफटीए ने सभी 96 देशों के नामों और ज्यादा विवरण का खुलासा नहीं किया, अधिकारियों ने कहा कि भारत उन देशों में शामिल है जिन्हें लगातार तीसरे वर्ष सूचना मिली है और भारतीय अधिकारियों के साथ साझा किए गए विवरण बड़ी संख्या में स्विस वित्तीय संस्थानों में स्थित व्यक्तियों और कंपनियों के खाते से संबंधित हैं।

यह आदान-प्रदान पिछले महीने हुआ था और स्विट्जरलैंड सितंबर 2022 में अगली सूची साझा करेगा।

भारत को सितंबर 2019 में सूचना के स्वत: आदान-प्रदान (एईओआई) के तहत स्विट्जरलैंड से विवरण की पहली सूची मिली थी। उस वर्ष ऐसी जानकारी प्राप्त करने वाले 75 देशों में वह शामिल था। पिछले साल भारत ऐसे 86 साझेदार देशों में शामिल था।

विशेषज्ञों के अनुसार, भारत द्वारा प्राप्त एईओआई डेटा उन लोगों के खिलाफ एक मजबूत अभियोजन मामला स्थापित करने के लिए काफी मददगार रहा है, जिनके पास बेहिसाब संपत्ति है। इसका कारण है कि यह जमा और हस्तांतरण के साथ-साथ सभी आय का पूरा विवरण प्रदान करता है। इसमें प्रतिभूतियों और दूसरी संपत्तियों में निवेश के जरिए आय का ब्यौरा भी शामिल है।

नाम न छापने की शर्त पर, अधिकारियों ने कहा कि विवरण ज्यादातर कारोबारियों से संबंधित हैं। इनमें वे अप्रवासी भारतीय भी शामिल हैं, जो अब कई दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ-साथ अमेरिका, ब्रिटेन और यहां तक ​​​​कि कुछ अफ्रीकी और दक्षिण अमेरिकी देशों में भी बस गए हैं।

डेटा संरक्षण और गोपनीयता पर भारत में आवश्यक कानूनी ढांचे की समीक्षा सहित, एक लंबी प्रक्रिया के बाद स्विट्जरलैंड भारत के साथ एईओआई के लिए सहमत हुआ था।

आदान-प्रदान के तहत दिए विवरण में खाताधारकों की पहचान, खाता और वित्तीय जानकारी, साथ ही संबंधित वित्तीय संस्थान, खाता शेष और पूंजीगत आय से संबंधित जानकारी सहित अन्य शामिल है।

भाषा प्रणव पाण्डेय

पाण्डेय