असली चाय के पौधे से बना पेय ही माना जाएगा चायः एफएसएसएआई

असली चाय के पौधे से बना पेय ही माना जाएगा चायः एफएसएसएआई

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  • Publish Date - December 25, 2025 / 06:28 PM IST,
    Updated On - December 25, 2025 / 06:28 PM IST

नयी दिल्ली, 25 दिसंबर (भाषा) भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने खाद्य व्यवसाय परिचालकों को कड़ी चेतावनी देते हुए है कि अगर कोई हर्बल या पौधा-आधारित पेय पदार्थ, असली चाय के पौधे ‘कैमेलिया सिनेंसिस’ से नहीं बना है, तो उसे ‘चाय’ के रूप में नहीं बेचा जा सकता है।

एफएसएसएआई ने बुधवार को जारी निर्देश में कहा कि इस तरह के उत्पादों को गलत ब्रांडिंग और ग्राहकों को गुमराह करने वाला माना जाएगा।

इसके मुताबिक, कई खाद्य व्यवसाय से जुड़े कई परिचालक ‘रूइबोस चाय’, ‘हर्बल चाय’, ‘फ्लॉवर टी’ जैसे उत्पादों का विपणन कर रहे हैं, जबकि ये असली चाय के पौधे से नहीं निकले हैं।

नियमों के मुताबिक, ‘चाय’ शब्द का उपयोग केवल उन्हीं पेय के लिए किया जा सकता है जो कैमेलिया सिनेंसिस पौधे से बने हों। इसमें ग्रीन टी, कांगड़ा टी और इंस्टेंट टी जैसे उत्पाद शामिल हैं।

एफएसएसएआई ने स्पष्ट रूप से कहा है, “ऐसे हर्बल या पौधों से बने मिश्रण जो असली चाय के पौधे से नहीं बने हैं, उन्हें ‘चाय’ नाम से नहीं बुलाया जा सकता है।”

एफएसएसएआई ने कहा कि इस नियम का उल्लंघन खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत आता है। खाद्य उत्पादों के निर्माण, पैकिंग, वितरण, आयात या बिक्री से जुड़े सभी खाद्य व्यवसाय परिचालकों (एफबीओ) के लिए इन खाद्य सुरक्षा नियमों का पालन करना अनिवार्य किया गया है।

प्राधिकरण ने कहा, “सभी एफबीओ) को निर्देश दिया जाता है कि वह प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी भी उत्पाद पर ‘चाय’ शब्द का उपयोग न करें, यदि वह कैमेलिया सिनेंसिस पौधे से न बना हो।”

खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण ने राज्यों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ऑनलाइन और ऑफलाइन विक्रेताओं सहित सभी एफबीओ इन नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।

भाषा राजेश राजेश प्रेम

प्रेम