नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) दूरसंचार सेवा प्रदाताओं का सकल राजस्व अप्रैल-जून तिमाही में सालाना आधार पर 5.88 प्रतिशत बढ़कर 80,899 करोड़ रुपये हो गया, जबकि स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क 59 प्रतिशत घट गया। दूरसंचार विनियामक ट्राई ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की प्रदर्शन संकेतक रिपोर्ट के मुताबिक, दूरसंचार कंपनियों का सकल राजस्व तिमाही आधार पर 5.22 प्रतिशत घट गया। इसके पहले जनवरी-मार्च 2023 में 85,356 करोड़ रुपये का सकल राजस्व था।
रिपोर्ट के अनुसार, जून तिमाही में उपयुक्त सकल राजस्व (एपीजीआर) और समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) क्रमशः 6.17 प्रतिशत और 8.42 प्रतिशत बढ़कर 78,349 करोड़ रुपये और 65,354 करोड़ रुपये हो गया। राजस्व में सरकारी हिस्सेदारी की गणना एपीजीआर और एजीआर के आधार पर की जाती है।
जून तिमाही के दौरान दूरसंचार कंपनियों के सकल राजस्व (जीआर) में सालाना आधार पर 5.88 प्रतिशत, एपीजीआर में 6.17 प्रतिशत और एजीआर में 8.42 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
आलोच्य तिमाही के दौरान सरकार का लाइसेंस शुल्क संग्रह 8.3 प्रतिशत बढ़कर 5,246 करोड़ रुपये हो गया, जबकि स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) 59 प्रतिशत से अधिक घटकर 818 करोड़ रुपये पर आ गया।
सरकार दूरसंचार सुधार, 2021 के तहत यह ऐलान कर चुकी है कि वह भविष्य में नीलाम होने वाले स्पेक्ट्रम पर कोई स्पेक्ट्रम शुल्क नहीं लेगी।
जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) जैसी कंपनियों की दूरसंचार सेवाओं के कुल एजीआर में 80.52 प्रतिशत हिस्सेदारी रही।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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