टेक्समिन फाउंडेशन ने भारत ब्राजील चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ किया समझौता

टेक्समिन फाउंडेशन ने भारत ब्राजील चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ किया समझौता

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  • Publish Date - March 28, 2025 / 04:13 PM IST,
    Updated On - March 28, 2025 / 04:13 PM IST

नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र टेक्समिन फाउंडेशन ने भारत ब्राजील चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईबीसीसी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका मकसद महत्वपूर्ण खनिज के मामले में देश की क्षमता को बढ़ाना है।

आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर यहां ब्राजील दूतावास में किये गये। इस मौके पर ब्राजील के राजदूत और अन्य प्रतिनिधि मौजूद थे।

इसमें कहा गया, यह समझौता भारत सरकार द्वारा हाल ही में शुरू किए गए राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन के उद्देश्यों के अनुरूप है।

राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन सात वर्ष में 34,300 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली एक पहल है जिसका उद्देश्य हरित प्रौद्योगिकियों के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण खनिजों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है।

भारत में ब्राजील के राजदूत केनेथ फेलिक्स हचिंस्की दा नोब्रेगा ने कहा, ‘‘यह साझेदारी ब्राजील और भारत के बीच मजबूत होते संबंधों का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो भविष्य की सतत तकनीकों के लिए महत्वपूर्ण खनिज अन्वेषण में सहयोग को प्रोत्साहित करेगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें विश्वास है कि यह समझौता न केवल संसाधन विकास में सहायता करेगा, बल्कि सर्वश्रेष्ठ गतिविधियों, तकनीकी विशेषज्ञता और सतत खनन पद्धतियों के आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देगा, जिससे दोनों देशों को लाभ होगा।’’

आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के निदेशक एवं टेक्समिन ( टेक्नोलॉजी इनोवेशन इन एक्सप्लोरेशन एंड माइनिंग) के चेयरमैन प्रो. सुकुमार मिश्रा ने कहा, ‘‘ आईबीसीसी के साथ हमारी यह साझेदारी खनन क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास की दिशा में एक निर्णायक क्षण है। हम महत्वपूर्ण खनिज अन्वेषण में नए आयामों की खोज करेंगे, जिससे सतत संसाधनों की वैश्विक मांग को पूरा किया जा सकेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह पहल केवल औद्योगिक मांग को पूरा करने तक सीमित नहीं है, बल्कि एक हरित भविष्य को सुरक्षित करने, सीमित वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता कम करने और भारत को सतत खनन गतिविधियों में एक अग्रणी राष्ट्र बनाने का प्रयास है।’’

टेक्समिन फाउंडेशन, भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स) धनबाद में स्थापित एक सेक्शन-8 कंपनी है। इसका लक्ष्य अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के एकीकरण के माध्यम से खनन कार्यों की दक्षता और सुरक्षा को बढ़ाना है।

भाषा निहारिका रमण

रमण