Twitter ने आईटी मंत्री के अकाउंट को एक घंटे के लिए बंद किया, रविशंकर प्रसाद ने नियमों का घोर उल्लंघन बताया

Twitter ने आईटी मंत्री के अकाउंट को एक घंटे के लिए बंद किया, रविशंकर प्रसाद ने नियमों का घोर उल्लंघन बताया

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  • Publish Date - June 25, 2021 / 03:09 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:57 PM IST

नई दिल्ली, 25 जून (भाषा)। भारत सरकार के साथ अपने बिगड़ते रिश्तों के बीच ट्विटर ने शुक्रवार को अमेरिकी कॉपीराइट कानून के कथित उल्लंघन को लेकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद के खाते को कुछ समय के लिये बंद कर दिया। मंत्री ने अमेरिकी सोशल नेटवर्किंग कंपनी के इस कदम की आलोचना करते हुए इसे मनमाना और आईटी नियमों का घोर उल्लंघन बताया। किसी केंद्रीय मंत्री के ट्विटर खाते पर इस तरह की रोक का यह पहला मामला है। अमेरिकी डिजिटल मिलिनियम कॉपीराइट कानून (डीएमसीए) का किस प्रकार से उल्लंघन हुआ इसके बारे में स्थिति साफ नहीं है। लेकिन प्रसाद शुक्रवार की सुबह अपने ट्विटर खाते का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे थे जबकि यह खाता बाकी लोग देख सकते थे।

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करीब एक घंटे बाद खाते पर लगी रोक हटा ली गयी लेकिन साथ ही चेतावनी दी गयी कि खाते के खिलाफ कोई अतिरिक्त नोटिस आने की स्थिति में उसे फिर से बंद किया जा सकता है या निलंबित किया जा सकता है। ट्विटर को आड़े हाथ लेते हुए प्रसाद ने एक दूसरे सोशल मीडिया मंच कू पर लिखा कि ट्विटर की ‘निरंकुश और मनमानी कार्रवाइयों’ को लेकर उन्होंने जो टिप्पणियां कीं उससे माइक्रोब्लॉगिंग साइट की झल्लाहट साफ दिख रही है।मंत्री ने कहा, ‘‘दोस्तों! आज कुछ बहुत ही अनूठा हुआ। ट्विटर ने अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट अधिनियम के कथित उल्लंघन के आधार पर लगभग एक घंटे तक मेरे खाते तक पहुंच को रोका और बाद में उन्होंने मुझे खाते के उपयोग की मंजूरी दी।’’उन्होंने बाद में ट्विटर पर भी पोस्ट डाला।

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आईटी मंत्री के ट्विटर खाते को ऐसे समय बाधित किया गया, जब अमेरिका की दिग्गज डिजिटल कंपनी का नए सोशल मीडिया नियमों को लेकर भारत सरकार के साथ विवाद चल रहा है। गौरतलब है कि सरकार ने जानबूझकर अवज्ञा करने और देश के नए आईटी नियमों का पालन करने में विफल रहने को लेकर ट्विटर को फटकार लगाई है। इसके कारण माइक्रोब्लॉगिंग मंच ने भारत में अपनी मध्यस्थ की स्थिति खो दी है। ऐसे में किसी भी गैरकानूनी सामग्री को पोस्ट करने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए वह जवाबदेह होगी। मंत्री ने लिखा, ‘ऐसा लगता है कि ट्विटर की निरंकुश एवं मनमानी कार्रवाइयों को लेकर मैंने जो आलोचना की और खासकर टीवी चैनलों को दिये साक्षात्कार के हिस्से जो साझा किये गये उसके जबर्दस्त प्रभाव से स्पष्ट तौर पर यह झल्लाहट सामने आई है।’ उन्होंने साथ ही कहा कि यह अब साफ है कि ट्विटर क्यों इंटरमिडियी दिशानिर्देशों का पालन करने से इनकार कर रही है ‘क्योंकि अगर ट्विटर उनका पालन करती है तो वह अपने एजेंडा के उलट जाने वाले खातों पर मनमाने तरीके से रोक नहीं लगा पाएगी।’ प्रसाद ने कहा कि ट्विटर का कदम आईटी नियमों का घोर उल्लंघन है क्योंकि वह खाते पर रोक लगाने से पहले नोटिस देने में विफल रही। उन्होंने कहा, ‘ट्विटर की कार्रवाइयों से पता चलता है कि वह अभिव्यक्ति की आजादी की अग्रदूत नहीं है जैसा कि वह दावा करती है बल्कि वह केवल इस धमकी के साथ अपना एजेंडा चलाना चाहती है कि उसके हिसाब से ना चलने पर वह आपको अपने मंच से मनमाने तरीके से हटा देगी।’

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मंत्री ने एक बार फिर साफ किया कि सोशल मीडिया मंचों को नये आईटी नियमों का पूरी तरह से पालन करना होगा और आगाह किया कि इन नियमों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। नये आईटी नियमों में यह साफ तौर पर निर्दिष्ट है कि जब भी ऐसी कोई भी सामग्री सोशल मीडिया पर साझा की जाती है जो उपयोगकर्ता की खुद की नहीं है तब मध्यस्थ को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह सामग्री हटाने या उस तक पहुंच रोकने से पहले वह उपयोगकर्ता को सामग्री के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई का कारण स्पष्ट करते हुए अधिसूचित करेगा। इस तरह के सभी मामलों में सोशल मीडिया मंच को उपयोगकर्ता को, की जाने वाली कार्रवाई को चुनौती देने के लिए एक उचित मौका देना पड़ेगा। आईटी मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि ट्विटर ने साफ तौर पर प्रसाद के मामले में उनके अकाउंट को बंद करने से पहले आईटी नियमों के इस प्रावधान का पालन नहीं किया। उन्होंने कहा कि यह साफ है कि ट्विटर आईटी नियमों का पालन ना करने को लेकर प्रसाद की टिप्पणियों से असहज थी और इसलिए उसने आज यह कार्रवाई की। सूत्रों ने साथ ही कहा कि इस मामले में जिस विषय पर चर्चा करने की जरूरत है, वह यह है कि भारत में अमेरिका के कॉपीराइट कानून लागू होंगे या भारत के खुद के।उन्होंने सवाल किया कि ट्विटर जैसा एक बहुराष्ट्रीय मंच जो खुद को अभिव्यक्ति की आजादी की ध्वजवाहक बताता है कैसे सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री की अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाने के लिए भारत में अमेरिकी कानून लागू कर सकता है।