खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ने का सर्वाधिक असर शहरी गरीबों पर पड़ाः क्रिसिल

खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ने का सर्वाधिक असर शहरी गरीबों पर पड़ाः क्रिसिल

खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ने का सर्वाधिक असर शहरी गरीबों पर पड़ाः क्रिसिल
Modified Date: August 16, 2023 / 06:23 pm IST
Published Date: August 16, 2023 6:23 pm IST

मुंबई, 16 अगस्त (भाषा) घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने बुधवार को कहा कि जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति के 15 महीनों के उच्च स्तर पर पहुंचने की सर्वाधिक मार शहरी गरीबों पर पड़ी है।

क्रिसिल की बाजार आसूचना एवं विश्लेषण इकाई ने एक टिप्पणी में कहा कि शहरी क्षेत्रों के उच्च आय वर्ग पर बढ़ी हुई मुद्रास्फीति का सबसे कम असर देखा गया। इसकी वजह यह है कि उच्च आय वर्ग की खपत वाले उत्पादों में खाद्य उत्पादों की हिस्सेदारी तुलनात्मक रूप से कम होती है।

हाल ही में जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई जो कि पिछले 15 महीनों का उच्चतम स्तर है।

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इस संबंध में जारी क्रिसिल की रिपोर्ट कहती है, ‘अन्य आय वर्गों की तुलना में सबसे गरीब लोगों पर बढ़ी हुई मुद्रास्फीति की सर्वाधिक मार पड़ी। खाद्य मुद्रास्फीति में हुई तीव्र वृद्धि से ऐसा हुआ। शहरी इलाके के गरीब तबके पर इसका सबसे अधिक असर देखा गया।’

क्रिसिल ने इस आकलन के लिए राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ) से मिले आंकड़ों का इस्तेमाल करने के साथ तीन आय वर्गों के व्यय खंडों की भी गणना की।

रिपोर्ट कहती है कि शहरी इलाकों में निचले 20 प्रतिशत आय समूह के लिए जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति 8.5 प्रतिशत रही जबकि ग्रामीण इलाकों में यह 7.9 प्रतिशत पर रही। जून में इन दोनों श्रेणियों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति क्रमशः 4.9 प्रतिशत एवं 4.7 प्रतिशत थी।

शीर्ष 20 प्रतिशत आय वाले समूह के लिए खुदरा मुद्रास्फीति शहरी इलाके में 7.1 प्रतिशत रही जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह 7.3 प्रतिशत रही। इस तरह शहरी इलाकों के उच्च आय वाले तबके पर ऊंची खुदरा मुद्रास्फीति का असर सबसे कम पड़ा।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण


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