नयी दिल्ली, 22 दिसंबर (भाषा) वेदांता ने मंगलवार को कहा कि उसने जलवायु परिवर्तन पर दूसरे भारत सीईओ मंच की बैठक में कार्बन उत्सर्जन के मामले में तटस्थ होने को लेकर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किया है।
किसी कंपनी के कार्बन उत्सर्जन तटस्थ होने का मतलब है कि वह जितना उत्सर्जन करती है, उतना ही वायुमंडल से कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के उपाय करती है।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस मिशन का मकसद देश को विभिन्न उपायों के जरिये शुद्ध रूप से शून्य उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने की ओर ले जाना है। इन उपायों में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा, ऊर्जा दक्षता को गति देना, जल के न्यूनतम उपयोग वाली प्रक्रियाओं को अपनाना तथा हरित वाहन को बढ़ावा देना शामिल हैं।
पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी जलवायु परिवर्तन पर सीईओ मंच को संबोधित किया।
वेदांता ग्रुप के सीईओ सुनील दुग्गल ने कहा, ‘‘एक कंपनी के रूप में हम सरकार के शुद्ध रूप से शून्य उत्सर्जन लक्ष्य का पूरी तरह से समर्थन करते हैं और अपनी तरफ से कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।’’
भाषा रमण मनोहर
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