Chaitra Navratri 2025
नई दिल्लीः Chaitra Navratri 2025 शक्ति आराधना का पर्व नवरात्र 30 मार्च से प्रारम्भ होगी। प्रारंभिक दिवस के आधार पर माता सिंहवाहिनी हाथी पर सवार होकर आएंगी, हाथी पर ही वापस जाएंगी। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा का विधान है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना या घटस्थापना की जाती है। मान्यता है कि अभिजित मुहूर्त में कलश स्थापना करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त-
Chaitra Navratri 2025 नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना या घटस्थापना करना बेहद जरूरी होता है। घटस्थापना के बाद ही पूजा की शुरुआत की जाती है। रविवार 30 मार्च 2025 को सुबह 6:30 से 10:22 तक का समय कलश स्थापना के लिए बेहद शुभ रहेगा। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त को भी कलश स्थापना के लिए शुभ माना गया है। इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:01 से 12:50 तक रहेगा।
घटस्थापना के लिए सबसे पहले शुद्ध मिट्टी में जौ मिला लें। मां दुर्गा की प्रतिमा के बगल में ही मिट्टी को रखें और इसके ऊपर एक मिट्टी का कलश रखें। कलश में गंगाजल भरकर लौंग, हल्दी की गांठ, सुपारी, दूर्वा और एक रुपये का सिक्का डालेंते। अब कलश में आम के पत्ते रखकर मिट्टी का ढक्कन लगाकर इसके ऊपर चावल, गेहूं या नारियल रखें। नारियल को रखने से पहले इसमें स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर लाल रंग के कपड़े से लपेटकर कलावा जरूर बांधें। कलश स्थापना के बाद विधि विधान से मां दुर्गा और मां शैलपुत्री की पूजा करें। देवी को सफेद फूल, सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, भोग आदि लगाने के बाद घी का दीपक जलाएं और मंत्र उच्चारण करने के बाद आरती करें।
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