121 feet high Shivling
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आलोक शर्मा, राजनांदगांव :
121 feet high Shivling द्वितीय शुद्ध सावन माह की शुरुआत होने पर राजनांदगांव शहर के मां पाताल भैरवी मंदिर स्थित 121 फीट ऊंचे शिव लिंग आकार मंदिर का महाअभिषेक किया गया। इस दौरान यहां अलौकिक नजारा दिखाई दिया और लोगों को स्वर्ग की अनुभूति हुई। वहीं भारी बारिश के बीच भी लोग इस अद्भुत महाअभिषेक को देखने देर रात तक डटे रहे। इस दौरान इस पूरे आयोजन ने सबसे उंचे शिवलिंग का अभिषेक करने का इतिहास भी रचा है। राजनांदगांव शहर के सिद्ध शक्तिपीठ मां पाताल भैरवी मंदिर में द्वितीय शुद्ध सावन मास आरंभ होने पर 121 फीट ऊंचे विशालकाय शिवलिंग आकर का महाअभिषेक किया गया। इसके लिए सवा लाख लीटर पानी, 6 हजार लीटर दूध, 10 हजार लीटर गुलाब जल, हल्दी, घी की व्यवस्था की गई थी।
महाअभिषेक कर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
इस महाअभिषेक को देखने सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मां पाताल भैरवी मंदिर परिसर में जुटे और भारी बारिश के बीच भी देर रात तक लोग खड़े होकर इस अलौकिक दृश्य को निहारते रहे। भारी बारिश और बिजली की कड़कडा़हट की वजह से लाइट बंद होने के बावजूद भी लोग अपनी जगह से नहीं हटे। इस दौरान बिजली की चमक से शिवलिंग को निहारना स्वर्ग की अनुभूति के साथ ही भगवान भोलेनाथ की मौजूदगी का एहसास करा रहा था। इस पूरे आयोजन को लेकर आयोजन करता समाज सेवी तथागत पांडे ने कहा कि अब तक 55 फीट उंचे शिवलिंग का अभिषेक हुआ लेकिन यहां 121 फीट ऊंचे शिवलिंग का अभिषेक ऐतिहासिक होने के साथ ही रिकॉर्ड भी बनाता है, जिसके लिए लिम्का बुक और गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड को आवेदन किया गया है जिसका टीम ने इसका आंकलन किया है।
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तथागत पांडे ने बताया कि इस 121 फीट ऊंचे शिवलिंग का अभिषेक पहले फायर ब्रिगेड से करने की सोची गई थी लेकिन फायर ब्रिगेड से अभिषेक नहीं कहलाता इस वजह से 20 फीट ऊंचे 45 चौडे़ कलश का निर्माण भी किया गया जिसके माध्यम से यहां महाअभिषेक संपन्न हुआ है। तथागत इस विशाल काय शिवलिंग का अभिषेक करना आसान नहीं था। इसके लिए मुंबई से क्रेन मंगाई गई और इस क्रेन के माध्यम से इस 20 फीट उंचे और 45 फीट चौडे़ विशाल कलश को शिवलिंग के ऊपर लटकाया गया।
121 feet high Shivling इसके बाद विभिन्न श्रद्धालुओं के सहयोग से एकत्रित हुए दूध, हल्दी, गुलाब जल, घी के मिश्रण को पाइप के माध्यम से कलश तक पहुंचाया गया और फिर इस कलश से शिवलिंग पर महा अभिषेक प्रारंभ हुआ जिसने एक इतिहास भी रच दिया। इस ऐतिहासिक महाभिषेक के साक्षी बनने श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पडा़, भारी बारिश और गरज की परवाह न करते हुए लोग आसपास के घरों के छत पर भी खड़े रहे। इस महाभिषेक के दौरान मंत्रोच्चार होता रहा, वहीं साथ-ही-साथ मंदिर के भीतर मौजूद छत्तीसगढ़ के सबसे बडे़ पारे के शिवलिंग पर भी महाभिषेक जारी रहा।