बापू को अपशब्द… देश निशब्द! धर्म संसद में कालीचरण के नफरती बोल…कब होगी जेल
बापू को अपशब्द... देश निशब्द! धर्म संसद में कालीचरण के नफरती बोल...कब होगी जेल : Abusing Bapu... The country is speechless!
रायपुरः आज हम बात करेंगे एक ऐसे विषय पर जिस पर छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में बवाल मचा हुआ है..जिसे लेकर पूरा देश शर्मसार है। जी हां रायपुर में आयोजित धर्म संसद में कालीचरण द्वारा गांधी जी पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है..वैसे तो धर्म संसद घोषित तौर पर कोई सियासी आयोजन नहीं था। लेकिन मामले ने पूरी तरह राजनीतिक रंग ले लिया है। बीजेपी कह रही है कि आयोजक कांग्रेसी है तो पहले उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। तो कांग्रेस जवाबी पलटवार कर रही है कि..अगर आयोजन कांग्रेस का था तो बीजेपी नेता क्या कर रहे थे। बीजेपी-कांग्रेस में जारी सियासी रस्साकशी के बीच कालीचरण पर दूसरे राज्यों मे भी FIR जारी है। अब सवाल ये है कि आखिर पुलिस की पकड़ में कब आएगा कालीचरण धर्म संसद में कालीचरण ने राष्ट्रपिता को लेकर अपशब्द का इस्तेमाल केवल अपनी पब्लिसिटी के लिए किया। आखिर वहां मौजूद लोगों ने इसे बर्दाश्त क्यो किया। ऐसे तमाम सवाल हैं जिन पर अगले एक घंटे हम चर्चा करेंगे।
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ये एक कथित संत की बोली है जिसे आपको हम हुबहू सुना भी नहीं सकते। इसलिये हमें बीप का सहारा लेना पड़ रहा है। कहने को तो ये धर्म संसद था लेकिन एक धार्मिक मंच पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में ऐसे अपशब्द बाते कहीं गई। जिसके बाद पूरे देश में बवाल मच गया। गांधी जी का अपमान करने पर कांग्रेस ने रायपुर में कालीचरण महाराज के खिलाफ FIR दर्ज किया। हालांकि FIR के बाद भी इनके तेवर नहीं बदले। कालीचरण ने वीडियो जारी कर अपने बयान को सही ठहराते हुए कहा कि वो अपनी टिप्पणी पर तटस्थ हैं और इसके लिए मृत्युदंड भी मंजूर है। इधर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कालीचरण को चुनौती देते हुए कहा कि अगर वो इतने ही साहसी हैं तो यहां आकर करें सरेंडर सीएम ने कहा कि कालीचरण को छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता।
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धर्म संसद के मंच से राष्ट्रपिता का अपमान करने वाले कालीचरण पर देश के दूसरे हिस्सों में भी FIR होने लगी है.. रायपुर और अकोला के बाद महाराष्ट्र के पुणे में भी मामला दर्ज हुआ है। FIR दर्ज होने के बाद पुलिस फरार कालीचरण की तलाश कर रही है। रायपुर पुलिस की तीन टीमें महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्यप्रदेश के लिए रवाना हो चुकी है। इधर मामले में AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री ने नया एंगल दे दिया है। AIMIM सांसद ओवैसी ने कहा कि धर्म संसद का आयोजन कांग्रेस के बिना मुमकिन नहीं था.. इधर बीजेपी भी आरोप लगा रही है कि आयोजन करने वाले कांग्रेस के लोग हैं..इसलिये पहले कांग्रेसियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। जिसपर कांग्रेस ने सवाल उठाया कि अगर आयोजन कांग्रेस का था तो रमन सिंह क्यों शामिल हुए थे।
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इससे पहले धर्म ससंद के आयोजकों ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए शासन-प्रशासन से कालीचरण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। बहरहाल कुछ दिन पहले जिस कालीचरण की ख्याति शिव तांडव स्रोत की वजह से हुई थी। अब ये राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्द बोलकर कुख्यात हो चुके हैं। पूरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम को आदर्श से पुकारती है। उसे संत का चोला पहने कालीचरण एक धर्म संसद में अपशब्द कहते रहे..लेकिन किसी ने उनका विरोध तक नहीं किया। हालांकि कार्यक्रम के संरक्षक महंत रामसुंदर दास नाराज हो कर मंच छोड़ कर चले गए थे लेकिन मामला तूल पकड़ने के बाद इस बात पर लड़ाई शुरू हो गयी है कि आयोजन में कालीचरण को किसने बुलाया?

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