Publish Date - July 19, 2025 / 10:13 AM IST,
Updated On - July 19, 2025 / 10:13 AM IST
Ambikapur News/Image Source: IBC24
HIGHLIGHTS
बदसलूकी और लापरवाही का मामला,
इलाज से इनकार डॉक्टर को पड़ा महंगा,
डॉक्टर सुधांशु किरण पर FIR,
अंबिकापुर: Ambikapur News: कहते हैं की डॉक्टर भगवन का रूप होता हैं पर छत्तीसगढ़ में एक डॉक्टर की लापरवाही सामने आया हैं। दरसल एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने इलाज से इनकार कर दिया और मरीज व परिजनों के साथ कथित बदसलूकी की घटना को अंजाम दिया जिसके बाद डॉक्टर को उनकी यह हरकत भारी पड़ गया। इस मामले में न्यायालय के आदेश पर गांधीनगर थाना पुलिस ने महावीर हॉस्पिटल के संचालक डॉ. सुधांशु किरण के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
Ambikapur News: डॉ सुधांशु किरण के ऊपर आरोप है कि पीड़ित नीरज वर्मा के पुत्री के इलाज के दौरान लापरवाही की गई है मरीज और मरीज के परिजनों के साथ बदसलूकी करते हुए अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया है। इतना ही नहीं जांच की रिपोर्ट और इलाज से जुड़ी फाइल भी नहीं दी गई। इस घटनाक्रम के बाद पीड़ित नीरज वर्मा ने न्यायालय में परिवाद दायर किया।
Ambikapur News:इसके बाद न्यायालय से डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए। वही न्यायालय के निर्देश के बाद गांधीनगर थाना ने महावीर हॉस्पिटल के संचालक डॉ सुधांशु किरण पर FIR दर्ज कर आगे की कार्यवाही शुरू की है।
"डॉ. सुधांशु किरण के खिलाफ FIR" क्यों दर्ज की गई है?
डॉ. सुधांशु किरण पर इलाज में लापरवाही, मरीज व परिजनों से बदसलूकी और मेडिकल रिपोर्ट न देने के आरोप में FIR दर्ज की गई है।
क्या "अंबिकापुर के महावीर हॉस्पिटल" में यह पहली बार हुआ है?
फिलहाल यह मामला विशेष रूप से इस डॉक्टर के खिलाफ है। अन्य मामलों की जानकारी जांच के बाद ही स्पष्ट होगी।
क्या "न्यायालय के आदेश पर FIR" दर्ज करना अनिवार्य होता है?
जी हां, यदि न्यायालय किसी मामले में FIR दर्ज करने का आदेश देता है तो पुलिस को उसका पालन करना अनिवार्य होता है।
क्या "मरीज को अस्पताल से निकाल देना" अपराध की श्रेणी में आता है?
जी हां, अगर यह जानबूझकर और बिना वैध कारण के किया गया हो, खासकर आपात स्थिति में, तो यह चिकित्सा लापरवाही और अमानवीय व्यवहार के तहत अपराध माना जा सकता है।
क्या "मेडिकल रिपोर्ट न देना" भी अपराध है?
हां, मरीज या उसके अभिभावक को मेडिकल रिपोर्ट देना अधिकार है, और इसे न देना मेडिकल एथिक्स और कानून के खिलाफ है।