Ambikapur Nigam Election Result: निगम में अजब-गजब नतीजे.. शफी अहमद के सामने BJP प्रत्याशी की जमानत जब्त.. मेयर के 4 उम्मीदवारों को NOTA से भी कम वोट
इन परिणामों ने यह साबित कर दिया कि चुनावी राजनीति में हर स्थिति में कुछ न कुछ अप्रत्याशित होता है, जो कि सभी को चौंका देता है।
Ambikapur Nigam Election Result 2025 || Image- IBC24 News
- अंबिकापुर निगम चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत, कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की हार
- निर्दलीय उम्मीदवारों ने पलटा चुनावी समीकरण, कई उम्मीदवारों की जमानत जब्त
- अंबिकापुर महापौर चुनाव में कई प्रत्याशियों को नोटा से भी कम वोट, चौंका रहे है परिणाम
Ambikapur Nigam Election Result 2025: अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ के नगरीय निकाय चुनावों में भाजपा ने भले ही कांग्रेस को करारी शिकस्त दी हो, लेकिन अम्बिकापुर नगर निगम में कई ऐसे नतीजे आए हैं, जो चर्चा का विषय बन गए हैं। यहां पर कुछ दिलचस्प परिणामों ने सभी को चौंका दिया। जहां एक ओर भाजपा और कांग्रेस के कई दिग्गज चुनाव हार गए, वहीं निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपनी धाक जमाई और सियासी समीकरणों को पलट दिया।
अम्बिकापुर निगम चुनाव परिणाम 2025
अम्बिकापुर नगर निगम के चुनाव में भाजपा की मंजूषा भगत ने शानदार जीत दर्ज की। उन्होंने 11,000 से ज्यादा वोटों से अपनी प्रतिद्वंदी को हराया और अपनी 2014 की हार का बदला ले लिया। 2014 में डॉ. अजय तिर्की ने मंजूषा भगत को हराया था।
Ambikapur Nigam Election Result 2025: वहीं, कांग्रेस के बड़े नेता अजय अग्रवाल, जो नगर निगम के सभापति और 20 सूत्रीय कार्यक्रम के उपाध्यक्ष रहे थे, इस बार चुनाव हार गए। इसके अलावा, कांग्रेस के प्रदेश स्तर के नेता द्वितेंद्र मिश्रा भी हार का सामना करने पड़े।
निर्दलीय उम्मीदवारों का दबदबा और भाजपा की जमानत जब्ती
इस चुनाव में भाजपा के बागी शैलेश सिंह ने भाजपा के 6 बार के पार्षद परमजीत सिंह बाबरा उर्फ टिन्नी बाबरा को शिकस्त दी। इसके साथ ही, कांग्रेस के शफ़ी अहमद ने इतनी बड़ी जीत हासिल की कि भाजपा का प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा सका।
Ambikapur Nigam Election Result 2025: महापौर पद के लिए भाजपा और कांग्रेस के अलावा अन्य 4 उम्मीदवार मैदान में थे, लेकिन उन्हें नोटा (None of the Above) से भी कम वोट मिले। इस तरह के दिलचस्प परिणामों ने सियासी हलकों में हलचल मचाई है और राजनीतिक जानकार इस पर लगातार चर्चा कर रहे हैं।
इन परिणामों ने यह साबित कर दिया कि चुनावी राजनीति में हर स्थिति में कुछ न कुछ अप्रत्याशित होता है, जो कि सभी को चौंका देता है।

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