Ambikapur Viral Fever: मौसम में बदलाव से बिगड़ी बच्चों की तबीयत, अस्पताल में हर रोज पहुंच रहे 100 से ज्यादा मरीज
Ambikapur Viral Fever: मौसम में बदलाव से बिगड़ी बच्चों की तबीयत, अस्पताल में हर रोज पहुंच रहे 100 से ज्यादा मरीज
Ambikapur Viral Fever
अंबिकापुर। Ambikapur Viral Fever: सरगुजा जिले में मौसम में हो रहे उतार-चढ़ाव के कारण सबसे ज्यादा परेशान बच्चे हो रहे हैं। बच्चों में तेज ज्वर यानी तेज बुखार आ रहा है जिससे बच्चों में झटके आने की आशंका भी बढ़ गई है। आलम यह है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही हर रोज 100 से ज्यादा बुखार से पीड़ित बच्चे इलाज के पहुंच रहे हैं। ऐसे में अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर बच्चों की इलाज की बात कह रहा है। दरअसल, सरगुजा जिले में बीते कुछ दिनों से मौसम में उतार चढ़ाव दर्ज किया जा रहा है जिसका असर अब बच्चों के स्वास्थ्य पर नजर आ रहा है। छोटे बच्चों के साथ बड़े बच्चों में भी बुखार के साथ-साथ तेज बुखार के मस्तिष्क में चढ़ने का खतरा बढ़ गया है।
गर्मी से पड़ा प्रतिकूल प्रभाव
यही कारण है कि कुछ बच्चों में तेज बुखार के कारण झटके भी आने की बात भी सामने आ रही है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पिडियाट्रिक वार्ड प्रभारी डॉक्टर जेके रेलवानी का कहना है कि गर्मी के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। मौसम में आ रहे उतार-चढ़ाव के कारण न सिर्फ बच्चे बुखार बल्कि तेज बुखार से भी पीड़ित हो रहे हैं और समय में इलाज न मिल पाने के कारण बुखार के मस्तिष्क में चढ़ जाने का खतरा भी बढ़ रहा है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही हर रोज करीब 100 से ज्यादा बच्चों के इलाज के लिए उनके परिजन अस्पताल पहुंच रहे हैं जिनमें से कई बच्चों को अस्पताल में भर्ती करा इलाज किया जा रहा है।
डॉक्टरों ने की सतर्क रहने की अपील
Ambikapur Viral Fever: डॉक्टर का कहना है कि यदि समय पर बच्चों को इलाज नहीं मिल पा रहा तो वह ज्यादा गंभीर हो रहे हैं। ऐसे में गंभीर मरीजों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल कर इलाज कराया जा रहा है। मौसम में दर्ज किये जा रहे उतार-चढ़ाव के साथ-साथ बढ़ते गर्मी को देखते हुए डॉक्टर सतर्क रहने की अपील कर रहे हैं। साथ ही साथ बुखार आने पर तत्काल इलाज की सलाह दी जा रही है। आलम यह है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल का पिडियाट्रिक वार्ड बुखार से पीड़ित बच्चों से भरा पड़ा है। हालांकि डॉक्टर का कहना है कि लगातार बच्चों का इलाज तो किया ही जा रहा है साथ-साथ उनकी मॉनिटरिंग की जा रही।

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