Garh Mauli Devi Unique Temple: छत्तीसगढ़ के वो देवी मंदिर जहां पर महिलाओं का प्रवेश है निषेध, जानें- इसके पीछे की वजह?

छत्तीसगढ़ के वो देवी मंदिर जहां पर महिलाओं का प्रवेश है निषेध...Garh Mauli Devi Unique Temple: Those goddess temples of Chhattisgarh where women

Garh Mauli Devi Unique Temple | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • गढ़ मौली देवी मंदिर: आस्था और परंपरा का अनूठा संगम,
  • बालोद जिले के ग्राम मिर्रीटोला में स्थित,
  • मंदिर में महिलाओं का प्रवेश कई वर्षों से वर्जित,

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बालोद : Garh Mauli Devi Unique Temple: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के ग्राम मिर्रीटोला में स्थित गढ़ मौली देवी मंदिर अपनी अनूठी परंपराओं और भक्तों की अटूट आस्था के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर देवी मौली माता को समर्पित है, जिन्हें ग्रामीण कुंवारी देवी मानते हैं। यह मंदिर अपनी विशेष मान्यताओं और परंपराओं के कारण दूर-दूर तक प्रसिद्ध है।

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मंदिर की विशेषताएं और मान्यताएं

Garh Mauli Devi Unique Temple: मंदिर में स्थापित देवी की मूर्ति स्वयंभू (जमीन से निकली हुई) मानी जाती है और यह कई वर्षों पुरानी है। धमतरी जिले के गंगरेल स्थित मां अंगारमोती को मौली देवी की बड़ी बहन माना जाता है। ग्रामीणों का मानना है कि इस मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। गांव के लोग देवी को रक्षक स्वरूप मानते हैं, जिनकी कृपा से गांव में संकट नहीं आता और शांति बनी रहती है।

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महिलाओं के प्रवेश परंपरा

Garh Mauli Devi Unique Temple: इस मंदिर में महिलाओं का प्रवेश कई वर्षों से वर्जित है। 12 साल तक की लड़कियों को ही मंदिर परिसर में प्रवेश की अनुमति है। महिलाएं मंदिर के द्वार पर ही पूजा-अर्चना करती हैं। मान्यता है कि मौली देवी स्वयं को कुंवारी मानती थीं इसलिए विवाहित महिलाओं का मंदिर में प्रवेश निषिद्ध है।ग्रामीणों का मानना है कि कुछ विशेष परिस्थितियों में महिलाओं के मंदिर में प्रवेश से गांव में संकट आ सकता है। इस परंपरा का गांव की महिलाएं भी पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ पालन करती हैं।

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गढ़ मौली देवी के दर्शन करने आते हैं दूर-दराज से श्रद्धालु

Garh Mauli Devi Unique Temple: मंदिर के चारों ओर सुरक्षा दीवार बनी हुई है और आसपास हरियाली है।मंदिर के पास कई पेड़-पौधे लगाए गए हैं, जिन्हें भक्त विशेष मान्यता के साथ पूजते हैं। दूर-दराज से श्रद्धालु गढ़ मौली देवी के दर्शन के लिए यहां आते हैं। ग्रामीणों का मानना है कि देवी की कृपा से गांव में शांति बनी रहती है और किसी भी प्रकार की आपदा नहीं आती।

 

गढ़ मौली देवी मंदिर" कहां स्थित है?

गढ़ मौली देवी मंदिर छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के ग्राम मिर्रीटोला में स्थित है।

क्यों "महिलाओं का मंदिर में प्रवेश वर्जित" है?

मान्यता है कि मौली देवी स्वयं को कुंवारी मानती थीं, इसलिए विवाहित महिलाओं का प्रवेश वर्जित है।

क्या "12 साल से कम उम्र की लड़कियों" को मंदिर में प्रवेश की अनुमति है?

हाँ, 12 साल तक की लड़कियां मंदिर परिसर में प्रवेश कर सकती हैं, लेकिन विवाहित महिलाओं का प्रवेश निषेध है।

"गढ़ मौली देवी" की क्या मान्यता है?

ग्रामीणों का मानना है कि यह देवी संकट हरने वाली हैं और गांव की रक्षा करती हैं। यहां सच्चे मन से मांगी गई मुरादें पूरी होती हैं।

क्या "गढ़ मौली देवी मंदिर" में विशेष त्योहार मनाए जाते हैं?

हाँ, इस मंदिर में विशेष अनुष्ठान और पर्वों पर भव्य पूजा-अर्चना होती है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।