Balodabazar News: जेल में अचानक बिगड़ी तबीयत, इलाज के दौरान कैदी की मौत, पत्नी ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

जेल में अचानक बिगड़ी तबीयत, इलाज के दौरान कैदी की मौत...Balodabazar News: Prisoner's health suddenly deteriorated in jail, he died during

  • Reported By: Sunil Sahu

    ,
  •  
  • Publish Date - June 13, 2025 / 09:10 PM IST,
    Updated On - June 13, 2025 / 09:10 PM IST

Balodabazar News | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • ज्यूडिशियल रिमांड के दौरान एक कैदी की मौत,
  • अवैध शराब बनाने एवं बिक्री मामले में किया था गिरफ्तार,
  • गिरफ्तार कर ज्यूडिशियल रिमांड पर किया था जेल दाखिल,

बलौदाबाजार: Balodabazar News: बलौदाबाजार में ज्यूडिशियल रिमांड के दौरान एक कैदी की मौत हो गई है। आरोपी को बीते 8 जून को पलारी थाना पुलिस ने ग्राम खैरी में रेड कार्रवाई करते हुए अवैध महुआ शराब बनाने एवं बिक्री मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल दाखिल किया गया था जिनमें एक आरोपी की आज मौत हो गई है।

Read More : Sarguja Homestay Scheme: रामगढ़ से महामाया तक, अब हर धरोहर में ठहरने का मौका… बस्तर के बाद अब सरगुजा में होम स्टे योजना

Balodabazar News:  ASP अभिषेक सिंह ने बताया कि ज्यूडिशियल रिमांड के दौरान एक कैदी उमेंद्र बघेल की अचानक तबियत बिगड़ी तो जिला अस्पताल लाया गया था। जहां इलाज के दौरान कैदी की मौत हो गई है। मामले में ज्यूडिशियल कमिटी जांच कर रहीं है। वही तीन डॉक्टरों की टीम ने मृतक का पोस्टमार्डम किया है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद मौत की असली वजह पता चल पाएगी।

Read More : Bank Fraud in Katni: गुम सिम से उड़ा डाले रिटायर्ड कर्मचारी के लाखों रुपए, गांव का कियोस्क संचालक ने दिया हाईटेक ठगी को अंजाम

Balodabazar News:  वही मृतक की पत्नी शकुंतला बघेल का आरोप है कि। मेरा पति शराब पीने गया लेकिन पुलिस ने उन्हें झूठे मामले में फंसाकर गिरफ्तार किया है। पति की तबीयत खराब है बोलकर घर से बुलाया गया लेकिन यहां मौत हो गई है।

 

"ज्यूडिशियल रिमांड में मौत" का क्या मतलब होता है?

जब कोई आरोपी अदालत के आदेश पर जेल भेजा जाता है, तो उसे न्यायिक हिरासत (Judicial Remand) में माना जाता है। ऐसी स्थिति में अगर हिरासत में रहते हुए उसकी मौत हो जाती है, तो उसे "ज्यूडिशियल रिमांड में मौत" कहा जाता है।

"ज्यूडिशियल रिमांड में मौत" की जांच कौन करता है?

ऐसी मौतों की जांच आमतौर पर न्यायिक समिति (Judicial Inquiry Committee) द्वारा की जाती है, और पोस्टमार्टम स्वतंत्र डॉक्टरों की टीम से करवाया जाता है ताकि निष्पक्षता बनी रहे।

क्या "ज्यूडिशियल रिमांड में मौत" के लिए पुलिस जिम्मेदार होती है?

हर मामला अलग होता है। अगर जांच में यह साबित होता है कि कैदी की मौत लापरवाही, पिटाई या गलत उपचार के कारण हुई है, तो पुलिसकर्मियों या जेल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

"ज्यूडिशियल रिमांड में मौत" के बाद मृतक के परिवार को मुआवजा मिलता है क्या?

अगर जांच में यह साबित हो जाता है कि यह मौत पुलिस या जेल प्रशासन की लापरवाही से हुई है, तो राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग या सरकार द्वारा मुआवजा देने की सिफारिश की जा सकती है।

क्या "ज्यूडिशियल रिमांड में मौत" के लिए FIR दर्ज होती है?

अगर परिजन द्वारा आरोप लगाया जाता है और जांच में प्रथम दृष्टया कुछ संदिग्ध तथ्य सामने आते हैं, तो पुलिस FIR दर्ज कर सकती है और मामले की विस्तृत जांच की जाती है।