Reported By: Abhishek Soni
,Sarguja Homestay Scheme | Image Source | IBC24
अंबिकापुर: Sarguja Homestay Scheme: प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध सरगुजा संभाग में अब ‘होम स्टे’ योजना के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने की कवायद तेज हो गई है। सरगुजा के प्रभारी मंत्री ओपी चौधरी ने बस्तर के बाद सरगुजा में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका बताई है। वहीं लोक संस्कृति और पर्यटन क्षेत्र के जानकार इसे एक क्रांतिकारी पहल मान रहे हैं।
Sarguja Homestay Scheme: छत्तीसगढ़ का शिमला कहलाने वाला मैनपाट प्रदेश की सबसे ऊँची चोटी बलरामपुर का गौरलाटा, अपनी नैसर्गिक सुंदरता से आकर्षित करने वाला बालम पहाड़ी क्षेत्र सेमरसोत अभयारण्य, टाइगर रिजर्व समेत सैकड़ों स्थल सरगुजा की प्राकृतिक संपन्नता को बखूबी दर्शाते हैं। धार्मिक दृष्टि से भी सरगुजा अत्यंत समृद्ध है यहाँ की आराध्य देवी महामाया का अलौकिक मंदिर, विश्व की प्राचीनतम नाट्यशाला के रूप में प्रसिद्ध रामगढ़, मूर्तिकला की बेशकीमती धरोहरों से समृद्ध महेशपुर और प्राचीन धरोहर डीपाडीह जैसे स्थल इसकी गौरवशाली विरासत को प्रदर्शित करते हैं।
Sarguja Homestay Scheme: इसके अलावा यहां का खान पान और कला संस्कृति की खासियत बेहद महत्पूर्ण है मगर अब तक इसे वो पहचान नही मिल सकी जिसकी काबलियत सरगुजा रखता है। यही कारण है कि बस्तर में काफी लोकप्रिय हो चुके होम स्टे का कॉन्सेप्ट सरगुजा के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। सरगुजा के प्रभारी व प्रदेश सरकार में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने भी होम स्टे के कॉन्सेप्ट को काफी कारगर माना है। जहा न सिर्फ लोगो को रोजगार से जोड़ा जा सकेगा बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। मंत्री ने कहा कि होम स्टे को बढ़ावा देने स्थानीय लोगो को आर्थिक मदद भी देग।
Sarguja Homestay Scheme: होम स्टे के जरिए बाहर से आने वाले पर्यटकों को यहां के पर्यटन क्षेत्र को देखने का अवसर तो मिलेगा ही साथ ही साथ स्थानीय परिवेश में रहकर पर्यटक सरगुजा के स्थानीय बोली भाषा, संस्कृति, रहन सहन, खान पान, के अलावा विलुप्त होती वस्तुओं को भी जान, पहचान व समझ पाएंगे। संभाग के करीब करीब सभी पर्यटन स्थलों का अवलोकन करने के साथ ही सरगुजा की विलपुत होती संस्कृति,वाद्य यंत्र, पौराणिक मान्यताओं वाले इलाके के जानकार अजय चतुर्वेदी इसे सरकार की बेहद महत्वपूर्ण पहल बता रहे है।
Sarguja Homestay Scheme: चतुर्वेदी का कहना है कि छग में बस्तर और सरगुजा ऐसे इलाके है जहां हर कदम पर इसकी समृद्ध संस्कृति और पौराणिक मान्यताओं की अनूठी मिशाल प्रामाणिक तौर पर मिलती है और अगर होम स्टे की शुरुवात होगी तो न सिर्फ सरगुजा की संस्कृति देश और दुनिया तक पहुच सकेगी बल्कि यहाँ का विकास भी तेजी से हो सकेगा। पौराणिक व पर्यटन स्थल जानकार पूरे देश मे होम स्टे का कल्चर जाना जाता है जहां पर्यटक रहकर पर्यटन के साथ लोकल कल्चर से भी रूबरू होते है ऐसे में अब छग में इसका विस्तार छग में पर्यटन को कितना बढ़ावा देता है और इसे लागू कर पाने में सरकार कितनी सफल हो पाती है ये देखने वाली बात होगी।