The old mother is wandering to get the benefits of the schemes for her disabled son
बलरामपुर। जिले के ग्राम पंचायत परसागुड़ी में एक बूढ़ी मां अपने दिव्यांग सूरदास बेटे को लेकर दर-दर भटक रही हैं। कहीं भी कोई कार्यक्रम हो या कोई नेता मंत्री आते हैं तो यह मां अपने बेटे को इस आस में लेकर पहुंचती है कि शासन की किसी योजना का लाभ इसे मिल जाये। पर्सागुड़ी की रहने वाली यह महिला इन्द्रमती है। पति की मौत काफी साल पहले हो चुकी है और अब सूरदास बेटे की पूरी जिम्मेदारी मां पर आ गई है।
देवराज जन्म से ही दोनों आंखों से अंधा है और एक पैर भी ठीक से काम नहीं करता है। हद तो यह है कि इस दिव्यांग को शासन की किसी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। देवराज की मां ने बताया कि वो अब तक कई आवेदन दे चुकी है, लेकिन अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधियों ने सिर्फ आश्वाशन ही दिया है। बेचारी मां की उम्मीद फिर भी नहीं टूटी है और वो लगातार बेटे को लेकर भटक रही है।
गांव की मितानिन भी इनका पूरा साथ देती है, उन्होंने बताया कि गांव में सिर्फ ये दोनों मां बेटे ही रहते हैं। दिव्यांग बेटे को न तो पेंशन मिलता है और न ही राशन। इस युवक को चलने के लिए शासन से आज तक ट्राइसाइकिल भी नहीं मिली है। मामले में मीडिया के हस्तक्षेप के बाद अब एसडीएम जल्द कार्रवाई की बात कर रहे हैं। प्रदेश में गरीबों और दिव्यांग के लिए शासन की ढेरों योजनाएं संचालित हैं, लेकिन वास्तविक तौर पर उन योजनाओं का लोगों को कितना लाभ मिल रहा है ये तस्वीर उसकी एक बानगी है। IBC24 से अरुण सोनी की रिपोर्ट
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