MMC Maoist Surrender Update: नए साल के पहले दिन होगा सबसे बड़ा नक्सली सरेंडर!.. तीन राज्यों की MMC कमेटी ने अपने साथियों को बताया, कैसे डालना है हथियार

MMC Maoist Surrender Update: पिछले दिनों मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र जोनल कमेटी के प्रवक्ता अनंत ने प्रेसनोट जारी करते हुए सरकारों से मोहलत माँगी थी। यह पत्र तीनों ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों के नाम के साथ जारी किया गया था।

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  • Publish Date - November 28, 2025 / 09:00 AM IST,
    Updated On - November 28, 2025 / 09:03 AM IST

MMC Maoist Surrender Update || Image- IBC24 News File Image

HIGHLIGHTS
  • MMC माओवादी बड़े पैमाने पर सरेंडर
  • अनंत ने प्रेसनोट जारी किया
  • तीन राज्यों में हलचल तेज

MMC Maoist Surrender Update: रायपुर: देश में एक बार फिर से बड़े पैमाने पर माओवादी सरेंडर कर सकते है। यह आत्मसमर्पण नए साल के पहले दिन यानी 1 जनवरी 2026 को हो सकता है। यह आत्मसमर्पण इसलिए भी बड़ा होगा क्योंकि हथियार डालने वाले किसी एक राज्य के नहीं बल्कि एमएमसी यानी महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के संयुक्त कमेटी के माओवादी सदस्य होंगे। इसके संकेत एमएमसी प्रवक्ता और नक्सलियों के बड़े नेता अनंत की तरफ से मिली है। अनंत ने पिछले दिनों दो पन्ने का प्रेसनोट जारी करते हुए सरेंडर की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने पुलिस से 15 फरवरी तक एनकाउंटर रोकने की भी अपील की थी।

Naxalites Big Surrender News: आखिर कहाँ सरेंडर करेंगे नक्सली?

एमएमसी प्रवक्ता अनंत ने अपने मातहत माओवादियों से अपील किया है कि, वे अलग-अलग हथियार डालने के बजाये एक साथ समर्पण करें। इसा तरह तय है कि, नक्सली आत्मसमर्पण के लिए एक साथ पहुंचेंगे। नक्सल प्रवक्ता ने आपसी तालमेल और संपर्क के लिए मोबाइल नम्बर भी जारी किया है। हालांकि उनका कहना यह भी है कि, जिस प्रदेश की सरकार उन्हें ज्यादा तवज्जो देगी, वो उन्हीं के पास हथियार डालेंगे।

Chhattisgarh Maoist Surrender 2026: हिड़मा के मौत से मचा है संगठन में हड़कंप

MMC Maoist Surrender Update: गौरतलब है कि, छत्तीसगढ़ और आसपास के राज्यों में नक्सलवाद सिमट चुका है और हथियारबंद संगठन के लगभग सभी बड़े नेता या तो मारे जा चुके है या फिर उन्होंने सरकार के सामने हथियार डाल दिए है, मुख्यधारा से जुड़ चुके है। जो माओवादी अब भी जंगलों में मौजूद है, वो खुद इस बात को महसूस करने लगे है कि, देश, सरकार और पुलिस के खिलाफ उनकी सशस्त्र लड़ाई ज्यादा दिनों तक आगे नहीं बढ़ सकती है। ऐसे में भलाई इसी में है कि, रूपेश, भूपति और दुसरे बड़े नेताओं की तरह वह भी अपने हथियार डाल दें और सरकार के पुनर्वास नीति का लाभ लेकर सामान्य जीवन व्यतीत करें।

इसी के तहत पिछले दिनों मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र जोनल कमेटी के प्रवक्ता अनंत ने प्रेसनोट जारी करते हुए सरकारों से मोहलत माँगी थी। यह पत्र तीनों ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों के नाम के साथ जारी किया गया था।

Maoist Leader Anant Press Note: क्या लिखा प्रेसनोट में?

प्रेसनोट जारी करने वाले प्रवक्ता अनंत ने लिखा था, “मैं अनंत, महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ स्पेशल जोनल कमिटी (MMC जोन) के प्रवक्ता के तौर पर आप तीनों राज्य की सरकारों को एक निवेदन पत्र जारी कर रहा हूं। हाल ही में हमारे पार्टी के केंद्रीय कमिटी के सदस्य व पोलित ब्यूरो मेंबर कॉम्रेड सोनू दादा ने देश-दुनिया की बदलती परिस्थितीयों का मूल्यांकन करते हुए हत्यार त्यागकर सशस्त्र संघर्ष को अस्थाई रूप से विराम देने का जो निर्णय लिया है, उसका हम समर्थन करते हैं। CCM सतीश दादा के बाद हाल ही में हमारे एक और CCM कॉम्रेड चंद्रन्ना ने भी इसी निर्णय का समर्थन किया है। हम, MMC स्पेशल जोनल कमिटी भी हत्यार छोड़कर सरकार के पूनर्वास और पूनामार्गेम योजना का स्विकार करना चाहती है। किंतु इसके लिए हम तीनों राज्य की सरकारों से अनुरोध करते हैं कि वह हमें वक्त दें।”

MMC Maoist Surrender Update: अनंत ने आगे लिखा था कि, “चूंकि हमारी पार्टी जनवादी केंद्रीयता के उसूलों पर चलती है, इसलिए सामुहीक रूप से इस निर्णय को लेने में हमें कुछ वक्त लगेगा। हमारे साथियों से संपर्क करने और उक्त संदेश हमारी पध्दति के अनुरूप उन तक पहुंचाने में हमें वक्त चाहिए। इसलिए, हम तीनों राज्यों की सरकारों से यह निवेदन करते हैं कि वह हमें 15 फरवरी 2026 तक का वक्त दें। यकीन मानिए, इतना वक्त मांगने के पिछे हमारा कोई दूसरा छुपा उद्देश्य नही है, चूंकि हमारे पास एक-दूसरे को फटाफट कम्युनिकेट करने के कोई दूसरे सरल माध्यम नही होते हैं, सो इतना वक्त लगेगा।”

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Q1. एमएमसी माओवादी 1 जनवरी 2026 को क्यों सरेंडर कर सकते हैं?

अनंत द्वारा जारी प्रेसनोट में सामूहिक निर्णय और बदली परिस्थितियों के कारण सरेंडर की इच्छा बताई गई।

Q2. माओवादी किस राज्य में हथियार डाल सकते हैं?

जो राज्य बेहतर पुनर्वास सुविधाएँ और सुरक्षा आश्वासन देगा, वहीं सामूहिक आत्मसमर्पण संभव है।

Q3. संगठन में उथल-पुथल का मुख्य कारण क्या है?

शीर्ष नेताओं के मारे जाने, सरेंडर और हिडमा की मौत से संगठन कमजोर पड़ गया है।