बिलासपुर। GGU, Bhimrao Ambedkar Mahaparinirvan Day: गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) में 6 दिसंबर को सुबह 9 बजे बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता टीआर निराला रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने की।
सर्वप्रथम मुख्य अतिथियों सहित अन्य अतिथियों द्वारा परिसर स्थित डॉ. बी.आर. अम्बेडकर की भव्य प्रतिमा पर पूजा अर्चना कर पुष्प अर्पित किए। इसके बाद पुष्पगुच्छ से मंचस्थ अतिथियों का स्वागत किया गया। अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. एमएन त्रिपाठी ने स्वागत उद्बोधन दिया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 66वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि डॉ. अम्बेडकर अखंड भारत की कल्पना करने वाले महामानव थे। डॉ. अम्बेडकर जम्मू-कश्मीर में लागू धारा 370 तथा 35ए के प्रारंभ से ही खिलाफ थे। उन्होंने मनुष्य को मनुष्य के रूप में देखने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अम्बेडकर अभूतपूर्व प्रशासनिक कौशल, मानवीय मूल्य एवं बौद्धिक क्षमता के धनी थे।
GGU, Bhimrao Ambedkar Mahaparinirvan Day: कुलपति ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने संपूर्ण जीवन सामाजिक समरसता और न्याय के लिये समर्पित किया तथा देश और समाज के प्रति अपने दायित्वों को पूरी निष्ठा से निभाया। उन्होंने कहा कि हमारा देश डॉ. अंबेडकर के आदर्शों एवं सिद्धांतों पर चलते हुए उनके सपनों को साकार कर रहा है। हमें भारत को विकसितराष्ट्र को स्थापित करने के लिए अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वाहन पूर्ण ईमानदारी और निष्ठा के साथ करना होगा। हमें नये भारत के निर्माण में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के जीवन मूल्यों तथा आदर्शों को आत्मसात करना होगा तभी हम विकसित राष्ट्र की श्रेणी शामिल होंगे।
GGU Vice Chancellor Professor Alok Kumar Chakrawal : कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता टीआर निराला ने कहा कि समतामूलक समाज के निर्माण में डॉ. अम्बेडकर की भूमिका अहम रही है। हमें अपने इतिहास को कभी नहीं भूलना है। विश्व में डॉ. अम्बेडकर को समाज सुधारक के रूप में याद किया जाता है। उन्होंने समाज के पिछड़े, वंचित और शोषित वर्ग के उत्थान के लिए निरंतर प्रयास किया। कानूनी फैसलों में बाबा साहब के वचनों एवं आदर्शों का आज स्पष्ट उल्लेख नजर आता है। मंचस्थ अतिथियों का स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. गरिमा तिवारी, सहायक प्राध्यापक वानिकी, वन्य जीव एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, शिक्षकगण, अधिकारी, शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।