Chhattisgarh Naxalites Surrender: सरेंडर करते ही AC मेंबर ने ही खोली माओवादियों की पोल.. कहा, ‘बड़े नेता करते है ऐश, छोटे नक्सली रहते है भूखे पेट’, आप भी सुनें

इस वर्ष अब तक 65 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया, 137 माओवादी गिरफ्तार हुए और 56 माओवादी मुठभेड़ में मारे गए। माओवादियों का आत्मसमर्पण बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

  •  
  • Publish Date - March 13, 2025 / 06:43 PM IST,
    Updated On - March 13, 2025 / 06:43 PM IST

Chhattisgarh Naxalites Surrender || Image- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • छत्तीसगढ़ में 17 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण, 24 लाख के इनामी नक्सली भी शामिल
  • सरकार की पुनर्वास नीति और विकास कार्यों से प्रभावित होकर माओवादियों ने छोड़ी हिंसा
  • 2025 में अब तक 65 नक्सलियों का आत्मसमर्पण, बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने की पहल जारी

Chhattisgarh Naxalites Surrender : बीजापुर: नक्सल उन्मूलन में जुटे छत्तीसगढ़ पुलिस और अर्धसैनिक बलों को बड़ी कामयाबी मिली है। गंगालूर एरिया कमेटी के अंतर्गत सक्रिय 17 माओवादियों ने माओवादी विचारधारा से तौबा करते हुए पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। इनमें 24 लाख रुपये के इनामी 9 माओवादी भी शामिल हैं।

Read More: Chhattisgarh B.Ed. Candidate Protest: रायपुर में फिर जमे प्रदर्शनकारी BEd अभ्यर्थी.. नहीं मनाएंगे होली, धरना स्थल पर करेंगे होलिका दहन

इन माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण

  1. दिनेश मोड़ियम ऊर्फ बदरू मोड़ियम (DVCM) – 8 लाख रुपये इनामी
  2. ज्योति ताती ऊर्फ कला मोड़ियम (ACM) – 5 लाख रुपये इनामी
  3. दुला कारम (ACM) – 5 लाख रुपये इनामी
  4. भीमा कारम (मिलिशिया प्लाटून ए सेक्शन कमांडर) – 1 लाख रुपये इनामी
  5. शंकर लेकाम (जनताना सरकार अध्यक्ष) – 1 लाख रुपये इनामी
  6. सोमा कारम (डीएकेएमएस अध्यक्ष) – 1 लाख रुपये इनामी
  7. मंगू कड़ती (मिलिशिया प्लाटून कमांडर) – 1 लाख रुपये इनामी
  8. मोती कारम (केएएमएस अध्यक्ष) – 1 लाख रुपये इनामी
  9. अरविंद हेमला (पार्टी सदस्य) – 1 लाख रुपये इनामी
  10. आयतू कारम (जनताना सरकार सदस्य) – 1 लाख रुपये इनामी.

नक्सलियों ने इन कारणों से किया आत्मसमर्पण

Chhattisgarh Naxalites Surrender : माओवादी संगठन के आंतरिक मतभेद और शोषण: माओवादी संगठन में आंतरिक कलह और शोषण से परेशान होकर कई माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया।

सरकार की पुनर्वास नीति का प्रभाव: आत्मसमर्पण करने वालों को आर्थिक सहायता, पुनर्वास और सुरक्षा प्रदान की जा रही है, जिससे वे मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।

विकास कार्यों का असर: गांवों में सड़कों का विस्तार, बिजली, पानी और अन्य सुविधाओं के विकास से प्रभावित होकर माओवादियों ने आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया।

सुरक्षा बलों का दबाव: लगातार चलाए जा रहे अभियानों और बढ़ती सुरक्षा चौकियों के कारण माओवादियों का मनोबल कमजोर पड़ा, जिससे उन्होंने आत्मसमर्पण किया।

सामान्य जीवन जीने की इच्छा: समाज की मुख्यधारा में लौटकर सामान्य जीवन जीने की इच्छा ने भी माओवादियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया।

सरेंडर नक्सली ने की अपील

Chhattisgarh Naxalites Surrender : DVCM दिनेश मोड़ियम ने माओवादी संगठन में अपने 20 वर्षों के अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस तरह संगठन ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर भर्ती करता है और शासन के खिलाफ हिंसा के लिए मजबूर करता है। उन्होंने माओवादी साथियों से अपील की कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ें और शासन की योजनाओं का लाभ उठाएं।

Read Also: Balodabazar Accident News: बलौदाबाजार में सड़क हादसा.. कार-बाइक की टक्कर में 3 की दर्दनाक मौत

अब तक मिली कामयाबी

इस वर्ष अब तक 65 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया, 137 माओवादी गिरफ्तार हुए और 56 माओवादी मुठभेड़ में मारे गए। माओवादियों का आत्मसमर्पण बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

1. नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने पर उन्हें क्या लाभ मिलता है?

सरकार की पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को आर्थिक सहायता, पुनर्वास, सुरक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाते हैं।

2. छत्तीसगढ़ में अब तक कितने नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है?

इस वर्ष अब तक 65 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया, 137 माओवादी गिरफ्तार हुए और 56 माओवादी मुठभेड़ में मारे गए।

3. नक्सल उन्मूलन के लिए सरकार कौन-कौन सी योजनाएं चला रही है?

सरकार पुनर्वास नीति, विकास कार्यों, सड़क निर्माण, सुरक्षा बलों की तैनाती और शिक्षा-स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देकर नक्सलवाद को समाप्त करने के प्रयास कर रही है।