Chhattisgarh Naxalites Surrender || Image- IBC24 News File
Chhattisgarh Naxalites Surrender : बीजापुर: नक्सल उन्मूलन में जुटे छत्तीसगढ़ पुलिस और अर्धसैनिक बलों को बड़ी कामयाबी मिली है। गंगालूर एरिया कमेटी के अंतर्गत सक्रिय 17 माओवादियों ने माओवादी विचारधारा से तौबा करते हुए पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। इनमें 24 लाख रुपये के इनामी 9 माओवादी भी शामिल हैं।
Chhattisgarh Naxalites Surrender : माओवादी संगठन के आंतरिक मतभेद और शोषण: माओवादी संगठन में आंतरिक कलह और शोषण से परेशान होकर कई माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया।
सरकार की पुनर्वास नीति का प्रभाव: आत्मसमर्पण करने वालों को आर्थिक सहायता, पुनर्वास और सुरक्षा प्रदान की जा रही है, जिससे वे मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
विकास कार्यों का असर: गांवों में सड़कों का विस्तार, बिजली, पानी और अन्य सुविधाओं के विकास से प्रभावित होकर माओवादियों ने आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया।
सुरक्षा बलों का दबाव: लगातार चलाए जा रहे अभियानों और बढ़ती सुरक्षा चौकियों के कारण माओवादियों का मनोबल कमजोर पड़ा, जिससे उन्होंने आत्मसमर्पण किया।
सामान्य जीवन जीने की इच्छा: समाज की मुख्यधारा में लौटकर सामान्य जीवन जीने की इच्छा ने भी माओवादियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया।
Chhattisgarh Naxalites Surrender : DVCM दिनेश मोड़ियम ने माओवादी संगठन में अपने 20 वर्षों के अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस तरह संगठन ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर भर्ती करता है और शासन के खिलाफ हिंसा के लिए मजबूर करता है। उन्होंने माओवादी साथियों से अपील की कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ें और शासन की योजनाओं का लाभ उठाएं।
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इस वर्ष अब तक 65 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया, 137 माओवादी गिरफ्तार हुए और 56 माओवादी मुठभेड़ में मारे गए। माओवादियों का आत्मसमर्पण बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।