CG Teacher Transfer Scam: शिक्षक भर्ती घोटाले पर बिलासपुर HC का आदेश.. प्रधान सचिव की अगुवाई में बनेगी 5 सदस्यीय कमेटी
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता शिक्षकों के वकीलों ने बताया कि राज्य सरकार को ट्रांसफर करने का अधिकार है पर यह ट्रांसफर नहीं है, यह प्रमोशन के बाद नई पोस्टिंग है।
CG Teacher Transfer Scam Update
बिलासपुर : शिक्षक ट्रांसफर घोटाला मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश देते हुए प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा की अध्यक्षता में कमेटी बनाने को कहा है। कमेटी में पांचों ज्वाइंट डायरेक्टर सदस्य होंगे। यह कमेटी सभी मामलों की सुनवाई करेगी। जिन शिक्षकों का ट्रांसफर संशोधन निरस्त हुआ है, वे इस कमेटी को अभ्यावेदन देंगे और कमेटी निर्णय करेगी।
गौरतलब कि जांच में गड़बड़ी पाई जाने पर सरकार ने 2713 शिक्षको का ट्रांसफर संशोधन निरस्त कर दिया था। कोर्ट ने भी उन्हें इस पर स्टे देने से इंकार कर दिया था। वही हाईकोर्ट ने यथास्थिति का आदेश दिया है और सरकार ने ट्रांसफर निरस्त कर दिया। इस वजह से उन्हें वेतन भी नहीं मिल रहा। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट का इस पर ध्यान आकृष्ट किया गया।
जस्टिस अरविंद चंदेल ने आदेश दिया है कि इसके लिए शिक्षक विभाग को अभ्यावेदन देवें। ज्ञात हो कि संशोधन निरस्तीकरण से प्रभावित हजारों शिक्षकों की स्थिति अधर में लटकी हुई थी। वह ना तो वो पुराने स्कूल में लौट पा रहे थे ना ही संशोधित स्कूलों में ही रह पाए क्योंकि अधिकारियों के निर्देश पर शिक्षकों को एकतरफा रिलीव कर दिया गया था। प्रभावित हजारों शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पा रहा था।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता शिक्षकों के वकीलों ने बताया कि राज्य सरकार को ट्रांसफर करने का अधिकार है पर यह ट्रांसफर नहीं है, यह प्रमोशन के बाद नई पोस्टिंग है। याचिकाकर्ताओं की तरफ से यह भी तर्क दिया गया कि जिन स्कूलों में पूर्व में पदस्थापना की गई थी उनमें पहले से ही अतिशेष शिक्षक हैं। जबकि जिन स्कूलों में पोस्टिंग में संशोधन कर पदस्थापना दी गई है वहां शिक्षकों की कमी है। यदि यह पोस्टिंग आदेश निरस्त किया जाता है तो स्कूलों में शिक्षकों की कमी की समस्या बनी रहेगी।
जानें क्या है मामला
गौरतलब है कि प्रदेश में शिक्षकों की पोस्टिंग और प्रमोशन के लिए पैसे लेकर उनकी मनचाही जगह नियुक्ति का खुलासा हुआ था। जिसमें कई अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई थी। इसमें तय सिस्टम को दरकिनार कर अधिकारियों ने अपनी ही नई व्यवस्था बना ली थी, जिसके बाद सरकार ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए 2 हजार से ज्यादा ट्रांसफर-पोस्टिंग को निरस्त कर दिया था। साथ ही प्रदेश के 11 अफसरों को भी इस मामले में निलंबित किया जा चुका है। इसमें सरकार ने पांचों कमिश्ररों की जांच का हवाला दिया था जिसमें सभी ने भ्रष्टाचार की पुष्टि की है।

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