छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित हत्याकांड में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, पूरी उम्र जेल में रहेंगे ये 28 लोग

jaggi hatyakand chhattisgarh: तत्कालीक मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी समेत कई बड़े राजनैतिक नाम इस हत्याकांड में सामने आये थे। इस पूरे मामले पर लीपापोती करने के बाद पुलिस के कई बड़े अधिकारियों ने कई फर्जी लोगों की गिरफ्तारी कर पूरे मामले की फाईले ठंडे बस्ते में डाल दी थी।

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित हत्याकांड में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, पूरी उम्र जेल में रहेंगे ये 28 लोग

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Modified Date: April 5, 2024 / 03:27 pm IST
Published Date: April 4, 2024 11:47 pm IST

Jaggi hatyakand chhattisgarh: रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहली राजनैतिक षड़यंत्र के तहत हुई NCP के कोषाध्यक्ष रामअवतार जग्गी हत्याकांड मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। बिलासपुर हाईकोर्ट ने रायपुर स्थित निचली अदालत का उम्रकैद की सजा का फैसला यथावत रखते हुए सभी 28 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

आपको बता दें कि 4 जून 2003 में रायपुर के मौदहापारा थाना के पीछे अलसुबह NCP पार्टी के कोषाध्यक्ष रामअवतार जग्गी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस पूरे हत्याकांड के बाद प्रदेश में राजनैतिक भूचाल जैसी स्थिति बनी थी। जिसमें तत्कालीक मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी समेत कई बड़े राजनैतिक नाम इस हत्याकांड में सामने आये थे। इस पूरे मामले पर लीपापोती करने के बाद पुलिस के कई बड़े अधिकारियों ने कई फर्जी लोगों की गिरफ्तारी कर पूरे मामले की फाईले ठंडे बस्ते में डाल दी थी।

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HC Decision on jaggi hatyakand chhattisgarh लेकिन रामअवतार जग्गी के बेटे सतीश जग्गी ने सीबीआई जांच की मांग की, जिसपर सीबीआई ने इसमें करीब 31 आरोपी बनाये थे। लेकिन उसमें से 2 बुलटू पाठक और सुरेन्द्र सिंह सरकारी गवाह बन गये थे। जिसके बाद इस मामले में अमित जोगी वर्तमान महापौर के बड़े भाई याह्या ढेबर, अभय गोयल, रामअवतार जग्गी को गोली मारने वाले शूटर चिमन सिंह, पूर्व क्राइम ब्रांच प्रभारी आर सी त्रिवेदी, सीएसपी अमरीक सिंह गिल, पूर्व मौदहापारा थाना प्रभारी वी के पांडे समेत करीब 28 आरोपियों पर रायपुर कोर्ट में मामला चला। जिसके बाद अमित जोगी को छोड़कर सभी आरोपियों को साल 2007-08 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

जिसके बाद सभी आरोपियों ने निचली अदालत के आदेश को चैलेंज करते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, लेकिन रामअवतार जग्गी के बेटे सतीश जग्गी ने भी हार नहीं मानते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट में इस मामले में अमित जोगी को आरोपी नहीं मानते हुए रिहा करने के फैसले को चैलेज किया। जिसके बाद अमित जोगी सुप्रीम कोर्ट चले गये थे, लेकिन बिलासपुर हाईकोर्ट ने पूरे 21 साल बाद सभी पक्षों को सुनने के बाद निचली अदालत के फैसले को यथावत रखते हुए सभी 28 आरोपियों की आजीवन कारावास की सजा को यथावत रखते हुए सभी आरोपियो को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

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पूरे 21 साल बाद आये कोर्ट के आदेश को न्यायपालिका पर पूरा भरोसा जताते हुए सतीश जग्गी ने इसको सत्य की जीत बताया है। साथ ही इस पूरे मामले में अमित जोगी को आरोपी साबित करने के लिए जहां तक की लड़ाई लड़नी पडेगी लड़ने की बात कही है। वही रामअवतार जग्गी की पत्नी और सतीश जग्गी की मां गुलशन जग्गी के फैसला सुनने के बाद आंखो में आंसू के साथ पूरे 21 साल बाद फैसले का स्वागत करते हुए पूरे परिवार की सुरक्षा की मांग की है।

रामावतार जग्गी हत्याकांड में जिन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा हुई है उनकी सूची….


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com