Politics on Kisan Suicide: सुसाइड पर शुरू हुई सियासत.. कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर लगाए आरोप, बिलासपुर में किसान ने कीटनाशक पीकर दी थी जान

बिलासपुर की इस घटना ने किसानों की समस्याओं को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। सूदखोरी और कर्ज के बोझ तले दबे किसानों की स्थिति सुधारने के लिए ठोस कदम उठाना बेहद जरूरी है। सरकार और समाज को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई और किसान ऐसी परिस्थिति का सामना न करे।

Politics on Kisan Suicide: सुसाइड पर शुरू हुई सियासत.. कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर लगाए आरोप, बिलासपुर में किसान ने कीटनाशक पीकर दी थी जान

Kisan Suicide in Bilaspur Chhattisgarh | Image- IBC24 News File

Modified Date: January 17, 2025 / 05:24 pm IST
Published Date: January 17, 2025 5:22 pm IST

Kisan Suicide in Bilaspur Chhattisgarh: बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक किसान द्वारा आत्महत्या करने की घटना ने प्रदेश में किसानों की स्थिति को लेकर बहस छेड़ दी है। कर्ज और सूदखोरी के दबाव में एक किसान को अपनी जान गंवानी पड़ी, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया है। कांग्रेस ने भाजपा सरकार की किसान नीति को नाकाम करार दिया है।

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क्या है मामला?

बिलासपुर के भरनी गांव के किसान बृजभान सिंह बिंझवार ने कीटनाशक पीकर अपनी जान दे दी। उनके पास कुल साढ़े तीन एकड़ भूमि थी। जानकारी के अनुसार, बृजभान ने घरेलू जरूरतों के लिए ज्वाला खांडे नामक सूदखोर से 90 हजार रुपये का कर्ज लिया था। इस कर्ज के बदले सूदखोर ने किसान की जमीन के कागजात अपने पास रख लिए। बाद में बृजभान ने मूल धनराशि चुका दी, लेकिन सूदखोर ने ब्याज के नाम पर 3 लाख रुपये की मांग शुरू कर दी। सूदखोर की लगातार प्रताड़ना से परेशान होकर बृजभान ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया।

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सूदखोरी और प्रताड़ना का मामला

Kisan Suicide in Bilaspur Chhattisgarh: किसान की मौत के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सूदखोर ज्वाला खांडे को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के खिलाफ कर्जा एक्ट और आत्महत्या के लिए उकसाने के तहत मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, इस घटना ने प्रदेश में कर्ज और सूदखोरी के बढ़ते मामलों को उजागर कर दिया है।

कांग्रेस का सरकार पर हमला

कांग्रेस ने इस घटना को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि प्रदेश में किसानों को कर्ज के जाल में फंसने पर मजबूर होना पड़ रहा है। सूदखोरों द्वारा की जा रही प्रताड़ना और आत्महत्या की घटनाएं भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों का परिणाम हैं। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार किसानों को सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल रही है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बदतर हो रही है।

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उठ रहे बड़े सवाल

Kisan Suicide in Bilaspur Chhattisgarh: किसान की आत्महत्या की इस घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं। क्या कर्ज लेने वाले किसानों को पर्याप्त सुरक्षा दी जा रही है? सूदखोरी के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए क्या पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं? इन सवालों का जवाब न केवल सरकार से बल्कि पूरे समाज से भी अपेक्षित है। बिलासपुर की इस घटना ने किसानों की समस्याओं को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। सूदखोरी और कर्ज के बोझ तले दबे किसानों की स्थिति सुधारने के लिए ठोस कदम उठाना बेहद जरूरी है। सरकार और समाज को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई और किसान ऐसी परिस्थिति का सामना न करे।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

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