Vishnu Deo Sai Cabinet Minister: ‘असंवैधानिक है साय कैबिनेट में 14 मंत्रियों को शामिल करना’ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर, शपथ पत्र के साथ मांगा जवाब

Vishnu Deo Sai Cabinet Minister: 'असंवैधानिक है साय कैबिनेट में 14 मंत्रियों को शामिल करना' हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर, शपथ पत्र के साथ मांगा जवाब

  •  
  • Publish Date - August 29, 2025 / 03:00 PM IST,
    Updated On - August 29, 2025 / 03:00 PM IST

Vishnu Deo Sai Cabinet Minister: 'असंवैधानिक है साय कैबिनेट में 14 मंत्रियों को शामिल करना' / Image Source: File

HIGHLIGHTS
  • कांग्रेस साय सरकार के 14 मंत्रियों को 'असंवैधानिक' बताकर उठा रही है सवाल
  • बिलासपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर
  • 90 विधायकों वाली विधानसभा में 15% (13.5) को 14 माना जा सकता है

बिलासपुर: Vishnu Deo Sai Cabinet Minister साय कैबिनेट के विस्तार के बाद से एक बार फिर भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं। साय सरकार के 14 मंत्री बनाए जाने पर कांग्रेस शुरू से ही सवाल उठा रही है। कांग्रेस का कहना है कि असंवैधानिक रूप से मंत्रिमंडल की संख्या बढ़ाई गई है। अगर इसकी सारी प्रक्रिया पूरी की गई है तो उसे सार्वजनिक करना चाहिए। वहीं, अब ये मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। कैबिनेट मंत्रियों की संख्या 14 होने को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।

Read More: Bhagwan se Badla: भगवान से बदला लेने युवक ने निकाला नायाब तरीका, मंदिरों में करता था ऐसा काम, जानिए किस बात से ठन गई थी प्रभु से

Vishnu Deo Sai Cabinet Minister मिली जानकारी के अनुसार साय कैबिनेट में 14 मंत्री बनाए जाने को असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में सामान्य प्रशासन विभाग, मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों को पक्षकार बनाया गया है। याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने राज्य शासन से शपथ पत्र के साथ जवाब भी मांगा है। मामले में अगली सुनवाई मंगलवार को होगी। बता दें कि छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि हरियाणा में भी 90 विधानसभा सीट होने के बाद भी 14 मंत्री बनाए गए थे।

वहीं इस पर पूर्व आईएएस अफसर डॉ सुशील त्रिवेदी का कहना है कि संविधान के अनुसार 90 विधायकों की संख्या का 15% , 13.5 होता है । गणित के हिसाब से 13.5 को 14 माना जाता है, ऐसे में हरियाणा की तरह यहां पर भी 14 मंत्री बनाए जा सकते हैं । हरियाणा में पिछले एक दशक से यह व्यवस्था चल रही है ।

Read More: Archaeologist KK Muhammed Statement: ‘राम मंदिर तो हो गया, मुसलमानों को मथुरा-ज्ञानवापी भी छोड़ देना चाहिए’, प्रसिद्ध पुरातत्वविद केके मोहम्मद ने दिया बड़ा बयान, आप भी देखें वीडियो

इसी तरह संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर भी सवाल उठे थे। रमन सिंह के कार्यकाल में संसदीय सचिव बनाए गए थे। भूपेश बघेल ने इस परंपरा को कायम रखा और साय सरकार भी संसदीय सचिव बनाने की तैयारी में है। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस का यह मुद्दा कोर्ट में टिकता है या फिर हरियाणा की तरह यह फार्मूला छत्तीसगढ़ में भी कायम रहता है।

महंत ने राज्यपाल को लिखा पत्र

वहीं नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत इस संबंध में राज्यपाल को पत्र लिख चुके हैं। डॉ चरणदास महंत का कहना है कि संविधान में व्यवस्था है कि कुल विधायकों की संख्या का 15 फीसदी ही मंत्री बनेंगे । ऐसे में मुख्यमंत्री सहित 13 मंत्री ही बनाए जा सकते हैं । हम किसी विशेष मंत्री को हटाने नहीं कह रहे, हम चाहते हैं कि संविधान का पालन किया जाए । संसदीय सचिव बनाना है बनाए, मंत्री का दर्जा न दें ।

विधि विशेषज्ञों की सलाह ले​ रहे दीपक बैज

वहीं पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि इस संबंध में विधि विशेषज्ञों की सलाह ली जा रही है, उसके बाद हम न्यायालय भी जाएंगे। इसको लेकर कांग्रेस के कोर्ट जाने की तैयारी पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि बिल्कुल स्वागत है उनका, लोकतंत्र में हर व्यक्ति को लगता है कि गलत हुआ है तो कोर्ट जाना चाहिए अपनी बात को रखना चाहिए।

Read More: Vidisha News: वेतन ना मिलने पर भड़के सफाई कर्मचारी, ढपले बजाकर जताया विरोध, अब अधिकारियों ने इस दिन तनख्वाह देने की कही बात

साय कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या को लेकर क्या विवाद है?

कांग्रेस का आरोप है कि साय कैबिनेट में 14 मंत्री बनाना असंवैधानिक है, क्योंकि संविधान के अनुसार 90 विधायकों में से केवल 15% (यानी 13) ही मंत्री बनाए जा सकते हैं।

क्या यह मामला "हाईकोर्ट" तक पहुंच गया है?

हाँ, इस मामले को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।

विधि विशेषज्ञों की इस मुद्दे पर क्या "राय" है?

पूर्व आईएएस डॉ. सुशील त्रिवेदी के अनुसार, संविधान के हिसाब से 90 का 15% 13.5 होता है, जिसे 14 माना जा सकता है। यह हरियाणा में भी एक दशक से लागू है।

कांग्रेस के नेता इस मामले को कैसे "उठा" रहे हैं?

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राज्यपाल को पत्र लिखकर इसे उठाया है, वहीं पीसीसी चीफ दीपक बैज ने विधि विशेषज्ञों से सलाह लेकर कोर्ट जाने की तैयारी की बात कही है।

क्या "संसदीय सचिवों" की नियुक्ति पर भी सवाल उठ रहे हैं?

हाँ, रमन सिंह और भूपेश बघेल के कार्यकाल में भी संसदीय सचिव बनाए गए थे, और अब साय सरकार भी इस परंपरा को जारी रखने की तैयारी में है। इस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि उन्हें मंत्री का दर्जा क्यों दिया जा रहा है।