BJP Leaders exercise will be able to challenge the functioning of GOVT

नेताओं के दौरे धुआंधार…लगेगी BJP का बेड़ापार! बीजेपी नेताओं की ये कसरत कितना चुनौती दे पाएगी कांग्रेस सरकार के कामकाज को

नेताओं के दौरे धुआंधार...लगेगी BJP का बेड़ापार! ! BJP Leaders exercise will be able to challenge the functioning of government

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : February 18, 2022/10:29 pm IST

रिपोर्ट: सौरभ सिंह परिहार, रायपुर: BJP Leaders exercise प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में करीब डेढ़ साल समय है, लेकिन बीजेपी अभी से पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओँ को रिचार्ज करने में जुट गई है। बीजेपी का फोकस सबसे ज्यादा सरगुजा और बस्तर संभाग पर है, जहां वर्तमान में बीजेपी के एक भी विधायक नहीं है। यही वजह है कि पहले सह प्रभारी नितिन नबीन सरगुजा का दौरा कर गए, तो अब 19 फरवरी को प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी बस्तर आ रही हैं। अब सवाल है कि नेताओं के धुआंधार दौरे से बीजेपी का बेड़ापार लगेगा?

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BJP Leaders exercise इन बयानों से समझा जा सकता है कि 2023 के लिए बीजेपी कमर कस चुकी है। लिहाजा पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को रिचार्ज किया जा रहा है। राज्य सरकार की योजनाओं की जमीनी स्तर पर जानकारी जुटाई जा रही है और इन सारी कवायद के बाद पार्टी तय करेगी कि 2023 में किस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा जाए। इसी कड़ी में पहले सह पभारी नितिन नबीन सरगुजा संभाग का दौरा हुआ, तो अब प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी बस्तर आ रही हैं। यानी बीजेपी का सबसे ज्यादा फोकस सरगुजा और बस्तर संभाग में अपनी खोई हुई सीट और जनाधार को वापस पाने पर है। डी पुरंदेश्वरी तीन दिन तक बस्तर में जिला स्तर के पदाधिकारियों से 2018 में करारी हार की वजह और 2023 के चुनावी मुद्दों पर विस्तार से समीक्षा करेंगी। हालांकि कांग्रेस तंज कस रही है कि पुरंदेश्वरी कितनी भी कोशिश कर ले बस्तर में बीजेपी का सफाया तय है। हालांकि बीजेपी के बस्तर प्रभारी का कुछ और ही दावा है।

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ये तो हुई छत्तीसगढ़ बीजेपी नेताओं द्वारा राज्य सरकार घेरने की रणनीति। दूसरी ओर बीजेपी के 9 लोकसभा सांसद और 2 राज्य सभा सांसद भी राज्य सरकार को घेरने में पीछे नहीं है। संसद के अर्बन डेवलपमेंट स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य सुनील सोनी और संसद के इन्वायरमेंट स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य संतोष पांडे राज्य सरकार के कामकाज में खामी ढूंढ कर शिकायत करने की बात कर रहे हैं, जिस पर कांग्रेस सांसद छाया वर्मा का कहना है कि बीजेपी सांसदों को छत्तीसगढ़ के हित में बात करनी चाहिए न की केवल राजनीति।

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बहरहाल प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अभी करीब डेढ़ साल का वक्त है, लेकिन बीजेपी अभी से चुनावी तैयारियों में जुट गई है। कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करने नेताओं के धुंआधार दौरे हो रहे हैं। 2018 में हार की वजह के साथ-साथ 15 साल की उपलब्धियों और नाकामियों पर कार्यकर्ताओं से खुल कर चर्चा हो रही है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि बीजेपी नेताओं की ये कसरत कांग्रेस सरकार के कामकाज को कितना चुनौती दे पाती है?

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