Lok Sabha Elections 2024
रायपुर : Lok Sabha Elections 2024 : 2024 के चुनाव में क्या पक्ष क्या विपक्ष अपने-अपने दल और अपने-अपने गठबंधन को बल देने के साथ लोकसभा चुनाव का शंखनाद कर चुका है। 2023 के नतीजों ने, 2024 चुनाव से पहले बीजेपी खेमे में उत्साह तो कांग्रेसी खेमे में चुनौतियों का माहौल बना दिया है। वैसे दोनो ही पक्ष अब 24 के चैलेंज को पूरा करने पूरी ताकत से जुट चुके हैं। मीटिंग्स, मंथन, स्ट्रैटेजी के बाद अब प्रत्याशी चयन फार्मूला और फार्मूलों के मुताबिक काम के लिए चुनाव दफ्तरों को शुभारंभ हो चला है।
Lok Sabha Elections 2024 : 2023 विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद छत्तीसगढ़ में सत्ता में लौटी बीजेपी अब लोकसभा की 11 की 11 सीटें जीतने के लक्ष्य के लिए तेजी से अपनी रणनीति को आगे बढ़ा रही है। इसके लिए पार्टी ने लोकसभा सीटों को तीन कलस्टर में बांटकर उनके संयोजक, सहसंयोजक, प्रभारी ,सह-प्रभारी नियुक्त किए जो तय लोकसभा क्षेत्रों में जाकर बैठकों के जरिए कार्यकर्ताओं को दायित्व दे रहे हैं। इसके साथ ही बीजेपी ने बाकी दलों से दिग्गज और जनाधार रखने वाले नेताओं-कार्यकर्ताओं को पार्टी में प्रवेश करवा कर अपना कुनबा बढ़ाना शुरू कर दिया है। संगठनात्मक कसावट के लिए राष्ट्रीय स्तर के नेता लगातार लोकसभा चुनाव के लिए बनी समितियां के पदाधिकारी, संभाग प्रभारी, जिला प्रभारी और पदाधिकारियों की बैठक लेकर मोदी की योजना और गारंटी को जन-जन तक पहुंचाने में जुट चुके हैं। सभी लोकसभा क्षेत्र में केंद्रीय चुनाव कार्यालयों की शुरूआत भी हो गई है। इन्हीं कार्यालयों से लोकसभा चुनाव की चुनावी गतिविधियां संचालित होगी। बीजेपी की तैयारी है कि वो आचार संहिता लगने के पहले ही अपने लोकसभा प्रत्याशियों की घोषणा कर दे। मंगलवार को CM विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा ने रायपुर, महासमुंद और दुर्ग में केंद्रीय चुनाव कार्यालयों का उद्घाटन कर मोदी जी को प्रदेश की सभी 11 सीट जिताकर देने का संकल्प कार्यकर्ताओँ को दिलाया है।
Lok Sabha Elections 2024 : इधर, छत्तीसगढ़ में सत्ता गंवाने के बाद कांग्रेस भी अब लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट चुकी है। नवप्रभारी सचिन पायलट प्रदेश मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं-कार्यकर्ताओं को चार्ज करने में लगे हैं। पायलट ने पिछले दिनों स्क्रीनिंग कमेटी और चुनाव समिति की बैठकों में टिकट को लेकर फॉर्मूला, बड़े नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ाने समेत चुनाव में पदाधिकारी की जिम्मेदारी तय करने की मुहिम शुरू कर दी है। कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने उल्टे बीजेपी को नसीहत दी है कि भाजपा किसी मुगालते में ना रहे, उन्हें इस चुनाव में अपने 10 साल का हिसाब देना होगा।
कुल मिलाकर 24 के रण में विजय उसी की होगी जो मैदान में पूरी ताकत से अपनी रणनीति के मुताबिक कार्य कर सकेगा। टार्गेट है जनता के बीच जाना और उन्हें अपने पाले में लाना। कांग्रेस का हथियार होगा मोदी शासनकाल के 10 साल का हिसाब तो बीजेपी अपने तगड़े चुनावी मैनेजमेंट और 2023 की जीत के उत्साह के बूते 24 में सभी सीटों पर विजय प्लान पर काम कर रही है। सवाल है किस पाले की रणनीति पुख्ता है, किस पक्ष के दावे में दम है, किस पक्ष में नेता जनता तक अपनी बात पहुंचा पा रहे हैं।