Candidates from Durg district on five Lok Sabha seats

#SarkarOnIBC24 : छत्तीसगढ़ की सियासत में दुर्ग का दबदबा, 5 लोकसभा सीटों पर इसी जिले के प्रत्याशी, भाजपा और कांग्रेस दोनों ने खेला दांव

छत्तीसगढ़ की सियासत में दुर्ग का दबदबा, 5 लोकसभा सीटों पर इसी जिले के प्रत्याशीः Candidates from Durg district on five Lok Sabha seats

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Reported By: Saurabh Singh Parihar

Modified Date:  March 28, 2024 / 12:15 AM IST, Published Date : March 28, 2024/12:13 am IST

दुर्गः #SarkarOnIBC24 छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिले को अक्सर सियासत का दुर्ग कहा जाता है। कांग्रेस ने हाल ही में अपने जो 4 लोकसभा प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है, उसने इस बात को सच साबित कर दिखाया है। कांग्रेस ने इस चुनाव में दुर्ग के कई कद्दावर नेताओं पर दांव लगाया है। बीजेपी जहां इसे लेकर कांग्रेस पर तंज कर रही है तो वहीं कांग्रेस भी बीजेपी को आईना दिखा रही है। आखिर दुर्ग के नेताओं पर कांग्रेस और बीजेपी की इतनी निर्भरता क्यों हैं?

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#SarkarOnIBC24  देर से ही सही आखिरकार कांग्रेस ने अपने बाकी बचे चारों प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव की तस्वीर साफ कर दी। कांग्रेस के प्रत्याशियों की लिस्ट पर नजर दौड़ाए तो एक बात चौकाती है। कांग्रेस ने 4 लोकसभा सीटों पर दुर्ग जिले के कद्दावर नेताओं पर भरोसा जताया है। कांग्रेस के 4 प्रत्याशी जो दुर्ग जिले से हैं उनमें देवेंद्र यादव भिलाई से विधायक हैं, उन्हें बिलासपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने टिकट दिया है। वहीं पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू को महासमुंद से प्रत्याशी बनाया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजनांदगांव से चुनाव मैदान में हैं, जबकि दुर्ग लोकसभा सीट से राजेंद्र साहू प्रत्याशी हैं। ये सभी नेता दुर्ग जिले से आते हैं… ऐसा नहीं है कि सिर्फ कांग्रेस ने ऐसा किया हो। बीजेपी भी दुर्ग की कद्दावर नेता सरोज पांडेय को कोरबा से चुनाव लड़वा रही है। यही वजह है कि सियासत के दुर्ग को लेकर सियासी बयानबाजी भी तेज हो चली है।

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छत्तीसगढ़ की सियासत में चंदूलाल चंद्राकर और मोतीलाल वोरा से लेकर भूपेश बघेल तक दुर्ग जिला प्रदेश की सियासत का केंद्र रहा है। हालांकि ऐसा पहली बार हो रहा है जब बीजेपी और कांग्रेस ने एक साथ 5 अलग-अलग सीटों पर दुर्ग के नेताओं पर भरोसा जताया हो। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि दुर्ग के इन नेताओं में कौन-कौन देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद तक पहुंचने में कमयाब रहता है और छत्तीसगढ़ की सियासत पर दुर्ग के नेताओं के दबदबे का क्या दूरगामी असर देखने को मिलता है।