पेट्रोल-डीजल के दाम को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच तीखी बहस, सीएम भूपेश बघेल बोले- पहले सेस की राशि का भुगतान करें
पेट्रोल-डीजल के दाम को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच तीखी बहस! Central and State Govt Face to Face on Petrol diesel Prices
रायपुर: Petrol diesel Prices देश में एक बार फिर से पेट्रोल-डीजल के दाम को लेकर केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच तीखी बहस छिड़ गई है। पीएम मोदी ने कहा है कि जनता को राहत देने के लिए राज्यों को पेट्रोल डीजल से वैट टैक्स कम किया जाना चाहिए। इस पर गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री हमलावर है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्पष्ट कह दिया है कि केन्द्र पहले सेस की राशि और राज्यों की बकाया राशि दे।
Petrol diesel Prices दरअसल जब भी इस तरह की बात केन्द्रीय मंत्रियों या भाजपा नेताओं द्वारा कही जाती है तो गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री सीधे सेस की राशि और केन्द्र से राज्यों की देय राशि की मांग करने लगते है और यह बात सही भी है कि केन्द्र पहले पेट्रोल डीजल पर 42 प्रतिशत एक्साइज लेकर 37 प्रतिशत कर दी। लेकिन दूसरी ओर पेट्रोल डीजल पर सेस लेने लगी और पूरी राशि केन्द्र के ही खाते में गई। इस स्थिति में राज्यों के पास पेट्रोल डीजल पर ज्यादा वैट टैक्स घटाना उनकी आर्थिक स्थिति को प्रभावित करने जैसा है। इसलिए जब भी वैट टैक्स घटाने की बात आती है तो छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार केन्द्र से देय 30 हजार करोड़ रुपए की मांग करने लगती है।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह कह रहे है कि केन्द्र ने जब एक्साइज कम किया है तो राज्यों को वैट कम करना चाहिए। पीएम के बयान को राजीतिक दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए। पेट्रोल डीजल के दाम से आम जन परेशान है, जो कि केन्द्र और राज्य सरकारों के लिए एक बड़ी चुनौती है। दोनों सरकारों को खर्च के लिए एक्साइज और वैट टैक्स चाहिए। सवाल यही है कि पेट्रोल डीजल के बढ़े दाम से जनता को राहत कब मिलेगी?

Facebook



