CG BJP Candidate List 2023 :’जिताऊ’ पर दांव, भरेगा हार का घाव, भाजपा ने साइड लाइन किए पुराने फॉर्मूले और मापदंड
CG BJP Candidate List 2023 : चुनाव में टिकट उसी को मिलेगा जिसमें जीत का माद्दा हो। चुनावी पॉलिटिक्स में ये फॉर्मूला नया नहीं है लेकिन इस बार
CG BJP Candidate List 2023
रायपुर : CG BJP Candidate List 2023 : चुनाव में टिकट उसी को मिलेगा जिसमें जीत का माद्दा हो। चुनावी पॉलिटिक्स में ये फॉर्मूला नया नहीं है लेकिन इस बार बीजेपी ने खुद अपने सारे पुराने फॉर्मूले और मापदंडों को साइड लाइन कर केवल और केवल जिताऊ चेहरों पर दांव लगाया है। वैसे ऐसे प्रयोग पार्टी पहले भी करती रही है, सफलता भी मिली है, लेकिन क्या छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की मजबूत सरकार के सामने मोदी-शाह कि ये चुनावी जमावट कारगर रहेगी।
न पुराने से परहेज न नए से ऐतराज न जाति पर ही कोई जोर न हारे को हरिनाम। जी हां, चुनाव की घोषणा से पहले 21 उम्मीदवारों को भाजपा ने टिकट जारी कर दिया है। इस लिस्ट पर गौर फरमाएं तो भाजपा के नए फार्मूले का पता चलता है। टिकट सिर्फ उन्हें ही दी जाएगी, जिनके जीतने की संभावना है। इसका आधार है पार्टी की ओर से तीन से चार दौर में कराया गया गोपनीय सर्वे। मतलब साफ है कि भाजपा इस बार सिर्फ और सिर्फ जिताऊ उम्मीदवारों पर ही दांव लगाने जा रही है।
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CG BJP Candidate List 2023 : कटघोरा से चुनाव हारने वाले लखन देवांगन को इस बार कोरबा से टिकट दी गई है। रामविचार नेताम और संजीव शाह भी चुनाव हारे नेता हैं, जिनका नंबर लग गया है। दुर्ग से विजय बघेट को टिकट दिया जाना सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ाने के दांव पर मुहर लगाती है। परिवारवाद का विरोध करने वाली पार्टी ने खैरागढ़ में डॉ. रमन सिंह के रिश्तेदार विक्रांत सिंह को टिकट दे दी, तो बस्तर की तमाम परसेप्शन बदलते हुए पंच सरपंच का चुनाव लड़कर राजनीति में आए मनीराम कश्यप को यहां से टिकट मिल गई।
CG BJP Candidate List 2023 : गुटीय संतुलन या दूसरी सिफारिशों को दरकिनार कर पार्टी भाजपा सिर्फ इस बात पर फोकस कर रही है कि कौन जीत सकता है? वहीं कांग्रेस भाजपा के इन दावों से इत्तफाक नहीं रखती और अपनी जीत के प्रति आत्मविश्वास से लबरेज नजर आ रही है।
भाजपा ये मानकर चल रही है कि इन 21 सीटों में से कम से कम वो 15 तो जीत ही लेगी। यानी पिछली बार भाजपा कुल जितनी सीटें लाई थी, उससे ज्यादा वो इन 21 से निकालने का दावा कर रही है। लेकिन चुनाव मैदान में अकेले तलवार चलाकर योद्धा बना नहीं जा सकता दो-दो हाथ के लिए उसे अब कांग्रेस के सूरमाओं का इंतजार है।

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