छत्तीसगढः 5 लाख सरकारी कर्मचारियों ने शुरू की हड़ताल, दफ्तरों में कामकाज ठप, कई जगह स्कूल बंद, अस्पतालों में परेशानी
government employees strike: छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है, छत्तीसगढ़ में करीब पांच लाख सरकारी कर्मचारियों ने महंगाई भत्ता, डीए और आवास किराया भत्ता ; एचआर, में वृद्धि की मांग करते हुए हड़ताल पर बैठे हैं, पांच दिवसीय हड़ताल की शुरुआत 25 जुलाई से की गई है। हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है।
government employees strike
government employees strike: रायपुर। राज्य में करीब पांच लाख सरकारी कर्मचारियों की दूसरे दिन हड़ताल जारी है, महंगाई भत्ता, डीए और आवास किराया भत्ता, एचआर, में वृद्धि की मांग करते हुए कर्मचारी पांच दिवसीय हड़ताल पर हैं। हड़ताल की शुरुआत बीते सोमवार से की गई है, हड़ताल के पहले दिन पूरे प्रदेश में विभिन्न सरकारी कार्यालयों में कामकाज प्रभावित हुआ, अस्पताल और स्कूल.कॉलेजों में भी हड़ताल का असर दिखा है, कई स्कूलों में छुट्टी दे दी गई। अस्पतालों में नर्स व अन्य स्टाफ के हड़ताल पर होने के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा है।
read more: नाले में तब्दील हुई शहर की सड़कें, देखते ही देखते माचिस के खोखे की तरह बहने लगी कार
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के अनुसार हड़ताल को राज्य के सभी पांच राजस्व संभागों रायपुरए बिलासपुरए दुर्गए बस्तर और सरगुजा में अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने बताया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार डीए और एचआरए में बढ़ोतरी के लिए पांच लाख सरकारी कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं। शिक्षक संघों ने भी कर्मचारियों के इस हड़ताल को समर्थन दिया है।
read more: लाश को नसीब नहीं हुआ श्मशान, बीच सड़क पर जलाई चिता, ग्रामीणों ने लगाए कई गंभीर आरोप
विधानसभा में उठा मुद्दा
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में सोमवार को कर्मचारियों की हड़ताल का मुद्दा उठाया था, भाजपा ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि भूपेश बघेल सरकार 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले सरकारी कर्मचारियों से किए गए वादों को निभाने में विफल रही है। विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आज से प्रदेश के सरकारी कर्मचारी 5 दिनों की हड़ताल पर हैं। सुबह से स्कूल बंद है सरकारी कार्यालय बंद हैं, सभी विभागों के शासकीय कार्यालयों में ताला लगा हुआ है। डीए और अन्य मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों से सरकार ने वादाखिलाफी की, घोषणापत्र में जो वादे किए गए थे। एक भी वादे पूरे नहीं किए गए। हमने इस मामले में स्थगन लाया है, उन्होने कहा छत्तीसगढ़ की हालत इतनी बदतर है कि हम चार.चार स्थगन पर चर्चा करना चाहते हैं।

Facebook



