गो-सेवा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ बना उदाहरण, पशुपालकों, गोठान समितियों को 5.24 करोड़ रुपए जारी

गो-सेवा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ बना उदाहरण! Chhattisgarh became an example in the field of cow service, Rs 5.24 crore released to cattle rearers, Gothan committees

गो-सेवा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ बना उदाहरण, पशुपालकों, गोठान समितियों को 5.24 करोड़ रुपए जारी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:44 pm IST
Published Date: September 21, 2021 4:57 pm IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना सफलता के नये आयाम स्थापित करती हुई आगे बढ़ रही है। छत्तीसगढ़ राज्य पूरे देश में गो-सेवा, गो-संरक्षण और गो-संवर्धन के क्षेत्र में उदाहरण बन गया है। जिस तरह गौ को कामधेनु कहा जाता है, उसी तरह गोधन न्याय योजना भी एक कामधेनु-योजना है। गोधन न्याय योजना हमारे लिए गो-माता का आशीर्वाद है। बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालकों, गौठान समितियों तथा स्वसहायता समूहों को कुल 5 करोड़ 24 लाख की राशि उनके बैंक खाते में अंतरण किया।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत खुशी की बात है कि साधारण-सी लगने वाली गोधन न्याय योजना के लाभ असाधारण हैं। यह सिर्फ गोबर खरीदने और खाद बनाकर बेचने की योजना नहीं है, बल्कि इस योजना के माध्यम से महिला सशक्तिकरण, उद्यमिता विकास, किसानों की आय में बढ़ोतरी, कृषि भूमि सुधार, उत्पादकता में वृद्धि, कृषि लागत में कमी, पशुधन विकास, खुली चराई पर रोक, फसल संरक्षण दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी सहित अनेक लक्ष्य हासिल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पशुपालक, गोबर विक्रेताओं को 1 करोड़ 72 लाख रुपए, गौठान समितियों को 02 करोड़ 04 लाख रुपए और स्व सहायता समूहों को 01 करोड़ 48 लाख रुपए इस तरह कुल 05 करोड़ 24 लाख रुपए का ऑनलाईन बैंक खाते में भुगतान किया।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अब तक 51.27 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है, जिसके एवज में गोबर विक्रेताओं को 102.54 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि 6 लाख 11 हजार 547 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट एवं 01 लाख 66 हजार 370 क्विंटल सुपर कंपोस्ट का विक्रय किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सभी गौठानों हरे चारे की व्यवस्था के लिए चारागाह विकसित किए जा रहे हैं। 4 हजार 744 गौठानों में चारा रोपण एवं बोआई का काम पूरा हो चुका है, जिसका रकबा कुल 10 हजार 838 एकड़ है। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि राज्य के जिन गांवों में अभी गौठान नही बन पाए हैं, वहां तेजी से गौठानों का निर्माण किया जा रहा है।

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उन्होंने कहा कि गौठानों में बनाए जा रहे रूरल इन्ड्रस्ट्रीयल पार्क में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के अलावा अन्य सहायक आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जाए। इस अवसर पर उद्योग मंत्री कवासी लखमा, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त कमलप्रीत सिंह एवं विशेष सचिव डॉ. एस भारतीदासन भी उपस्थित थे।

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कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ.कमलप्रीत सिंह ने बताया कि राज्य में स्वीकृत गौठानों की संख्या अब 10 हजार 113 हो चुकी है। इनमें से 06 हजार 170 गोठान निर्मित एवं सक्रिय हैं। इन गोठानों से 01 लाख 79 हजार 237 पशुपालकों को लाभान्वित किया जा रहा है। स्व सहायता समूहों और गौठान समितियों को अब तक कुल 57 करोड़ 43 लाख रुपए का लाभांश एवं भुगतान वितरित किया जा चुका है। इस योजना से जिन लोगों को लाभ हो रहा है, उनमें 45 प्रतिशत महिला और 79 हजार 435 भूमिहीन किसान हैं। लाभान्वितों में अन्य पिछड़ा वर्ग के 48.10 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के 40.58 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के 07.82 प्रतिशत लोग हैं। यह योजना समाज के कमजोर और पिछड़े हुए वर्गों के आर्थिक सशक्तिकरण का एक मजबूत माध्यम बनी है।

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