रायपुर/राजेश मिश्राः छत्तीसगढ़ में कुल 11 लोकसभा की सीटें हैं। गठन के बाद जितने भी लोकसभा चुनाव हुए बीजेपी हमेशा यहां से 10 सीटें जीतती रही है। बावजूद इसके अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार हो या फिर अब मोदी जी की सरकार हो, छत्तीसगढ़ के सांसदों को केवल राज्य मंत्री से ही संतुष्ट करना पड़ा है। 8 साल बाद जब संसदीय बोर्ड की लिस्ट जारी हुई, तो उसमें भी छत्तीसगढ़ का हाथ खाली रहा। जिसे लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर तंज कसा है।
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बुधवार को बीजेपी की संसदीय बोर्ड की लिस्ट जारी की गई। 2014 के बाद पहली बार इसमें बदलाव किया गया। इसके साथ ही नई केंद्रीय चुनाव समिति का भी ऐलान हुआ। ये दोनों ही बीजेपी के दो सबसे अहम और ताकतवर संगठन माने जाते हैं। दोनों संगठनों में कुछ पुराने नाम बाहर किए गए तो कुछ नए चेहरों को जिम्मेदारी दी गई. लेकिन हमेशा की तरह इन दोनों संस्थाओं में छत्तीसगढ़ के किसी भी नेता को शामिल नहीं किया गया है। जिसे लेकर कांग्रेस अब प्रदेश बीजेपी पर कटाक्ष कर रही है।
इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी में सबकुछ बदल डालूंगा की राह पर काम चल रहा है। पहले हंटरवाली को देखा, अब जामवाल का भी असर दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस नेताओं के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को अपनी चिंता करनी चाहिए। बीजेपी में किसी नेता की कोई उपेक्षा नहीं की जा रही।
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बीजेपी नेता बेशक लाख सफाई दें। लेकिन इस बात से कतई इनकार नहीं किया जा सकता कि केंद्रीय नेतृत्व छत्तीसगढ़ की अनदेखी करता रहा है. ये हम नहीं बल्कि आंकड़े कहते हैं। छत्तीसगढ़ में कुल 11 लोकसभा सीटें हैं और 2019 का लोकसभा चुनाव छोड़ दिया जाए तो यहां से बीजेपी 10 सीटें जीतती आई है, लेकिन जब बात केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देने की बात आती है तो छत्तीसगढ़ के सांसदों को राज्य मंत्री से ही संतुष्ट करना पड़ा है..वर्तमान में भी इकलौती रेणुका सिंह को केंदीय राज्य मंत्री का दर्जा हासिल है।
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