Publish Date - March 6, 2025 / 02:17 PM IST,
Updated On - March 6, 2025 / 04:14 PM IST
HIGHLIGHTS
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमेरा का है
पदस्थापना के बाद भी स्कूल नहीं आते शिक्षक
बच्चों की पढ़ाई प्रभावित, शिक्षकों में भी आक्रोश
कवर्धाः CG News शासकीय स्कूलों में बदहाली दूर करने के लिए सरकार कई महत्वकांक्षी योजनाएं चला रही है, ताकि शिक्षा की व्यवस्था बेहतर हो सकें। लेकिन कबीरधाम जिले में शिक्षकों की मनमानी के चलते बच्चों का भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है। मामला पंडरिया के वनांचल क्षेत्र के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमेरा का है। यहां चार शिक्षक पदस्थ है. फिर भी यहां बच्चे शिक्षा के लिए वंचित है। चारों शिक्षक गायब रहते हैं।
दरअसल, ग्रामीणों ने IBC24 इस पूरे मामले का जानकारी दी तो हमारे संवाददाता सूर्यप्रकाश चौधरी जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर अमेरा गांव पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि यहां चार शिक्षक तो पदस्थ हैं, लेकिन एक शिक्षिका पिछले एक साल से छुट्टी पर हैं और दो अन्य शिक्षक 23 जनवरी से नही आ रहे हैं। सिर्फ प्रधान पाठक ही आते हैं, लेकिन वह भी स्कूल छोड़कर इधर-उधर घूमने निकल जाते हैं। बच्चों का कहना है कि बच्चों का परीक्षा सिर पर है, ऐसे महत्वपूर्ण वक्त में भी शिक्षकों की लापरवाही और आपसी विवाद के कारण अध्ययन नही कर पा रहें हैं। वहीं अभिभावकों ने कहा कि प्रधानपाठक दादागिरी करता है और उसी के कारण बाकि शिक्षक स्कूल नहीं आते।
IBC24 के पहुंचते ही तत्काल स्कूल पहुंचे प्रधानपाठक
वहीं जैसे ही प्रधानपाठक को इस बात की जानकारी हुई कि मीडिया वाले स्कूल आए हैं, तो वह तत्काल स्कूल पहुंच गए। छात्रों के भविष्य, शिक्षकों के बीच विवाद जैसे अन्य कई सवालों पर वह उलूल-जुलूल और गोलमोल जवाब देने लगे। मामले में क्षेत्रीय विधायक भावना बोहरा ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। शिक्षकों के बीच जो भी विवाद है उसे तकाल दूर करके शिक्षक उपलब्ध कराने डीईओ को बोलने की बात कही। वहीं डीईओ ने कहा कि बच्चों और ग्रामीणों की शिकायत पर प्रधानपाठक को हटाने निर्देश दिया है। साथ ही जो दो शिक्षक स्कूल नही आ रहे थे, उन्हें स्कूल जॉइन करने और एक शाला संगवारी शिक्षक की पदस्थापना का आदेश जारी किया गया है।
छत्तीसगढ़ के किस स्कूल में पढ़ाई प्रभावित हो रही है?
कबीरधाम जिले के अमेरा गांव के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में चार शिक्षक पदस्थ हैं, लेकिन एक शिक्षिका एक साल से छुट्टी पर है और दो अन्य शिक्षक 23 जनवरी से स्कूल नहीं आ रहे हैं। प्रधानपाठक भी स्कूल छोड़कर घूमने चले जाते हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
"शिक्षकों की लापरवाही" के मामले में ग्रामीणों ने क्या शिकायत की?
ग्रामीणों और अभिभावकों ने शिकायत की कि प्रधानपाठक की दादागिरी के कारण अन्य शिक्षक स्कूल नहीं आ रहे हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह बाधित हो गई है, खासकर परीक्षा के समय।
"शिक्षकों की लापरवाही" के खुलासे के बाद प्रशासन ने क्या कार्रवाई की?
डीईओ ने प्रधानपाठक को हटाने के निर्देश दिए, अनुपस्थित शिक्षकों को स्कूल जॉइन करने का आदेश दिया और एक शाला संगवारी शिक्षक की नियुक्ति की घोषणा की।
"शिक्षकों की लापरवाही" पर मीडिया रिपोर्टिंग के बाद प्रधानपाठक का क्या रुख था?
जैसे ही प्रधानपाठक को पता चला कि मीडिया स्कूल पहुंची है, वह तुरंत स्कूल आ गए और सवालों के गोलमोल जवाब देने लगे।
"शिक्षकों की लापरवाही" को लेकर क्षेत्रीय विधायक ने क्या बयान दिया?
विधायक भावना बोहरा ने कहा कि शिक्षकों के बीच चल रहे विवाद को जल्द से जल्द हल कर शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।