रायपुरः कोण्डानार का वह स्थल जहां कभी किया जाता था शव दहन और नगर का कचरा डम्प। अब यह स्थान लोगों के घूमने, टहलने और पिकनिक मनाने के लिए मनोरम स्थल के रूप में तब्दील हो गया है। यहां वन विभाग द्वारा खूबसूरत और मनोहारी वन चेतना केन्द्र आमचो सरगी प्रकृति हर्र विकसित किया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने कोंडागांव भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान आमचो सरगी प्रकृति हर्र, कोंडानार का लोकार्पण किया। इस दौरान आमचो सरगी प्रकृति हर्र में मुख्यमंत्री सैलानी बने और ओपन जिप्सी में बैठकर प्राकृतिक सौंदर्य का नजारा देखा। इस दौरान उद्योग मंत्री कवासी लखमा, सांसद दीपक बैज राज्यसभा सांसद मती फूलो देवी नेताम ,विधायक मोहन मरकाम, संतराम नेताम सहित अन्य जनप्रतिनिधि उनके साथ थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केंद्र कोंडागांव वासियों के लिये ऑक्सीजन का काम करेगा, इससे सभी आयुवर्ग के लोगों को फायदा मिलेगा। आमचो सरगी प्रकृति हर्र (वन चेतना केंद्र) कोण्डागांव से मर्दापाल जाने वाली सड़क पर स्थित है। इस स्थान का उपयोग नगरपालिका कचरों के डम्पिंग यार्ड और शवों के दहन किया जा रहा था। वन विभाग द्वारा वनों को संरक्षित करने के उद्देश्य से यहां वन चेतना केन्द्र आमचो सरगी प्रकृति हर्र के रूप में किया गया है। जहां लोगांे के लिए घूमने, टहलने, योगा करने और मनोरंजन के साथ-साथ वनों के प्रति जागरूकता लाने एवं आने वाली पीढ़ी को वनों एवं वृक्षों के संबंध में जानकारी देने की व्यवस्था की गई है। दक्षिण कोण्डागांव वनमण्डल द्वारा तैयार किये गये इस केन्द्र को छत्तीसगढ़ के ऋषिकेश की संज्ञा दी जा रही है।
आमचो सरगी प्रकृति हर्र का मुख्य उद्देश्य प्रकृति के साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक करना भी है। यहां पर 02 किमी लम्बा पाथ-वे बनाया गया है। जहां रोजाना सुबह-शाम लोग प्रकृति के बीच स्वास्थ्य लाभ ले सकेंगे। वन चेतना केंद्र के आमचो सरगी प्रकृति हर्र वन चेतना केंद्र के लोकार्पण कार्यक्रम में आये गौतम जैन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बताया कि वह बीते 2 महीने से इस केंद्र में प्रकृति का आनंद ले रहें हैं। वन चेतना केंद्र के आबो-हवा से मेरे स्वास्थ्य में सुधार हुआ है और बीपी-सुगर की समस्या से मिली राहत।
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आमचो सरगी प्रकृति हर्र वन चेतना केन्द्र को 11 जोन में विभाजित किया गया है। जिसमें बच्चों के लिए चिल्ड्रन पार्क, योगा प्लेटफॉर्म, ओपन जीम, ओपन प्लेटफॉर्म, तितली बहुल्य क्षेत्र, क्लाइमबर हाउस, बांबू जोन, तालाब, काष्टकला जोन, वूडन हट आदि बनाये गये हैं। इस वन चेतना केन्द्र में 08 प्रकार के बांस के पौधे लगाये गये हैं। इसके अतिरिक्त औषधीय गुणों के पौधे, विभिन्न प्रजाति के वृक्षों का प्रदर्शन भी यहां करते हुए उन वृक्षों के औषधीय एवं पर्यावरणीय गुणों का उल्लेख किया गया है, ताकि यहां आने वाले बच्चों एवं युवाओं को वृक्षों एवं वनों के संबंध में जानकारी प्राप्त हो सके। यह वन चेतना केन्द्र साल वृक्ष जिसे स्थानीय भाषा में सरई या सरगी कहा जाता है से चारों ओर से घिरा हुआ है। यहां कई वर्षों पुराने साल के वृक्ष मौजूद हैं। जिसकी वजह से इस वन चेतना केन्द्र का नामकरण ‘आमचो सरगी प्रकृति हर्र रखा गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वन चेतना केन्द्र कोण्डागांव ‘आमचो सरगी प्रकृति हर्र, कोंडानार के लोकार्पण अवसर पर वन चेतना केंद्र कोंडानार-छत्तीसगढ़ का ऋषिकेश बुकलेट का विमोचन किया। इस बुकलेट में आमचो सरगी प्रकृति हर्र के बारे में पूरी सचित्र जानकारी दी गई है।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को वन चेतना केन्द्र कोण्डागांव ‘आमचो सरगी प्रकृति हर्र, कोंडानार के लोकार्पण अवसर पर वुडन आर्टिस्ट शिव चरण साहू ने काष्ठ पर उकेरे गए मुख्यमंत्री का वुडन पोट्रेट भेंट किया। शिवचरण साहू ने वन चेतना केन्द्र कोण्डागांव ‘आमचो सरगी प्रकृति हर्र, कोंडानार में स्व उकेरित काष्ठ के स्वागत द्वार, साईन बोर्ड उकेरित कर लगाया है, जो आकर्षण के केंद्र हैं।
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