शह मात The Big Debate: जहां ‘वोट चोरी’ वाली चुनौती.. वहीं माइक की ‘छिनैती’! अपने ही मंच पर घिरी कांग्रेस, आखिर बार-बार सवाल उठाने का मौका क्यों देती है पार्टी? देखिए ये वीडियो
जहां 'वोट चोरी' वाली चुनौती.. वहीं माइक की 'छिनैती'! Congress is surrounded on its own platform, the party repeatedly gives opportunities to raise questions
रायपुरः CG News अपने ही मंच पर अपने ही लोगों से अपनी ही हरकत से घिर जाना, ये सब छत्तीसगढ़ कांग्रेस के साथ बार-बार हो रहा है। लगातार हो रहा है। घटना को कांग्रेस झुठला रही है या बीजेपी जबरन मुद्दा बना रही है। ये प्रदेश कांग्रेस से बेहतर कौन जानेगा लेकिन सवाल ये है कि जिस पार्टी को जनता ने विपक्ष की भूमिका दी है, जिन्हें मिलकर दमदारी से सरकार की खिलाफत करनी है वो अपने ही मुद्दों, अपने ही नेताओं की हरकतों से उठे बवाल सुलझाने में उलझे नजर आते हैं। कांग्रेस दावे से कहती है उनकी पार्टी में असल लोकतंत्र है, बोलने की आजादी है, फिर उसी के मंच पर क्या किसी नेता को माइक छीनकर बोलने से रोका गया?
CG News बिलासपुर में मंगलवार को ‘वोट-चोर,गद्दी छोड़’ अभियान का मंच था। वोट चोरी के मुद्दे पर बीजेपी सरकार को घेरने के लिए पूरी ताकत लगाने का मौका था, लेकिन इसी सभा के मंच पर आदिवासी अपमान के मुद्दे पर कांग्रेस खुद घिर गई। दरअसल हुआ यूं कि कद्दावार आदिवासी नेता, पूर्व मंत्री अमरजीत भगत जब मंच पर बोल रहे थे, तो उनके बीच संबोधन प्रदेश सहप्रभारी विजय जांगिड़ ने उनके मुंह के सामने से माइक अपनी तरफ खींच लिया, जिसके बाद भगत वापस अपनी सीट पर लौट गए। इस घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो गया, छत्तीसगढ़ बीजेपी ने इसे कांग्रेस की असलियत बताते हुए मोर्चा खोल दिया। प्रदेश भाजपा ने X-पोस्ट कर तंज कसा। CM विष्णुदेव साय ने कांग्रेस को मुद्दाविहीन बताया तो मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने तंज कसा कि कांग्रेसी आपस में माइक तक शेयर नहीं कर सकते तो गद्दी कैसे शेयर करेंगे।
मामले ने तूल पकड़ा तो कांग्रेसियों ने भी डैमेज कंट्रोल शुरू किया। भगत के मुंह के सामने से माइक हटाने वाले कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सचिव विजय जांगिड़ ने सफाई में कहा कि BJP जिसे मुद्दा बना रही है, वैसा कुछ हुआ ही नहीं। इधर भगत ने कहा कि बीजेपी मेरे अपमान की इतनी फिक्र है तो भरे मंच पर उनका सम्मान कर दें, जबकि, दीपक बैज ने बीजेपी नेताओं को चुनौती देते हुए कहा कि कार्यक्रम से बीजेपी बौखल गई है। पहले पार्टी कमान पर घमासान, फिर चमचों की जमात पर कोहराम, नसीहतों पर बहस के बाद अब माइक छीनने पर जुबानी जंग। अब सवाल ये है क्या कांग्रेस के भीतर पूरी ताकत से सरकार के खिलाफ मोर्चा संभालने नेता तैयार हैं, क्या आपसी झगड़ों और शक्ति प्रदर्शन से उबकर सरकार की घेराबंदी को प्रदेश इकाई तैयार है?

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