Naxalites Surrender in Chhattisgarh: 28 लाख रुपये के इनामी 12 नक्सलियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता, ‘लोन वर्राटू’ के तहत किया पुलिस के सामने सरेंडर..

दंतेवाड़ा पुलिस द्वारा संचालित लोन वर्राटु अभियान का स्थानीय गोंडी भाषा में अर्थ है ‘घर लौटो’। यह अभियान नक्सलियों को आत्मसमर्पण कर सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित करने का एक प्रभावशाली प्रयास साबित हुआ है।

Naxalites Surrender in Chhattisgarh: 28 लाख रुपये के इनामी 12 नक्सलियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता, ‘लोन वर्राटू’ के तहत किया पुलिस के सामने सरेंडर..

Naxalites Surrender in Chhattisgarh || Image- Twitter now x

Modified Date: July 9, 2025 / 02:30 pm IST
Published Date: July 9, 2025 2:28 pm IST
HIGHLIGHTS
  • 🔹 12 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, 9 थे इनामी
  • 🔹 990 से अधिक नक्सली कर चुके हैं आत्मसमर्पण
  • 🔹 सरकार दे रही पुनर्वास और सम्मान

Naxalites Surrender in Chhattisgarh: बस्तर: देश के सबसे अधिक नक्सल प्रभावित जिले को वामपंथ उग्रवाद से मुक्त करने के लिए राज्य की पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के द्वारा संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है। सरकार के तरफ से हरदिन अपील की जा रही है कि माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो। सरकार उनके पुनर्वास की व्यवस्था करेगी। उन्हें नौकरी, आवास और नकद धनराशि साथ सम्मान व् सुरक्षा मुहैया कराया जाएगा। प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन के द्वारा नक्सल क्षेत्रों में ‘लोन वर्राटू’ अभियान के तहत नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

Read More: Fighter Plane Crash Live Video: इस जिले में वायुसेना का फाइटर विमान क्रैश.. नहीं बच सका पायलट, पुलिस और फायर ब्रिगेड मौके के लिए रवाना

वही सरकार के इन प्रयासों को सफलता भी मिल रही है। लोन वर्राटू अभियान और सरकार के पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा में 12 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें 9 इनामी नक्सली भी शामिल है जिनपर करीब 28 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

 ⁠

Naxalites Surrender in Chhattisgarh: पुलिस ने सभी को तात्कालिक सहायता राशि देते हुए उनसे दूसरे नक्सलियों को सरेंडर के लिए प्रोत्साहित करने की अपील की है। वही आत्मसमर्पित नक्सलियों ने भी हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज के मुख्यधारा में शामिल होने पर ख़ुशी जाहिर की है। सभी ने सामान्य जीवन जीकर समाज और देश के उत्थान की दिशा में काम करने का संकल्प लिया है। गौरतलब है कि नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में नक्सल उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे ‘लोन वर्राटू’ (घर लौट आओ) अभियान ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। इस अभियान के तहत अब तक 990 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा में लौटने का रास्ता अपनाया है। इनमें से 238 इनामी नक्सली भी शामिल हैं जो वर्षों से जंगल में रहकर हिंसक गतिविधियों में लिप्त थे। साय सरकार के गठन के करीब डेढ साल में ही 339 नक्सलियों ने सरेंडर किया है जिसमें 72 नक्सलियों पर एक करोड 59 लाख रूपये का इनाम है।

Read Also: Anganwadi Recruitment 2025 Latest Vacancy: आँगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका बनने का शानदार मौक़ा.. खुल रहे 66 नए केंद्र, बड़े पैमाने पर निकलेगी भर्तियां

क्या है लोन वर्राटु अभियान?

दंतेवाड़ा पुलिस द्वारा संचालित लोन वर्राटु अभियान का स्थानीय गोंडी भाषा में अर्थ है ‘घर लौटो’। यह अभियान नक्सलियों को आत्मसमर्पण कर सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित करने का एक प्रभावशाली प्रयास साबित हुआ है। पुलिस और प्रशासन द्वारा आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को न केवल सुरक्षा प्रदान की जा रही है बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। समर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकारी नौकरी, आवास, आर्थिक सहायता, स्वास्थ्य सुविधा सहित आधार कार्ड और वोटर आईडी जैसे जरूरी दस्तावेज भी बनाए जा रहे हैं। इससे उन्हें समाज में पुनः सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिल रहा है।अधिकारियों का कहना है कि लोन वर्राटू अभियान न केवल नक्सलियों को मुख्य धारा में शामिल कर रहा है बल्कि इससे आम जनता में भी सुरक्षा और विश्वास का माहौल बना है। कई नक्सली जो कभी बंदूक उठाए घूमते थे आज खेती-किसानी, मजदूरी, या अन्य रोजगार कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown