Dantewada News: दंतेवाड़ा में 21 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 13 नक्सलियों पर था 25 लाख का इनाम
Bilaspur News: बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा में 21 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इनमें से 13 नक्सलियों पर 25 लाख का इनाम था। वहीं मिली जानकारी के अनुसार ये सभी माओवादी अलग अलग इलाकों में सक्रिय थे। जिन्होंने SP के सामने सरेंडर किया है।
Dantewada Naxal News/Image Credit: IBC24
- सुरक्षाबलों के लिए राहत की खबर
- दंतेवाड़ा में 21 नक्सलियों ने सरेंडर किया
- नारायणपुर में डीवीसीएम नेता ने किया आत्मसमर्पण
दंतेवाड़ा: Dantewada News, बस्तर में एक बार फिर से सुरक्षाबलों के लिए राहत की खबर सामने आयी है। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा में 21 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इनमें से 13 नक्सलियों पर 25 लाख का इनाम था। वहीं मिली जानकारी के अनुसार ये सभी माओवादी अलग अलग इलाकों में सक्रिय थे। जिन्होंने SP के सामने सरेंडर किया है।
नारायणपुर में डीवीसीएम नेता ने किया आत्मसमर्पण
इसके पहले नारायणपुर में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता हाथ लगी थी। जहां डीवीसीएम नेता ने आत्मसमर्पण किया है। आज माओवादी के डीवीसीएम कैडर के एक बड़े नेता ने पुलिस के समक्ष सरेंडर किया है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली का नाम डॉ सुकलाल है। वह लम्बे वक़्त से बस्तर में सक्रिय था और पुलिस के खिलाफ कई हमलों में भी शामिल था।
डॉ सुकलाल समेत 8 माओवादियों ने हथियार डाले है। इनपर कुल 30 लाख रुपये का इनाम घोषित था। बताया जा रहा है कि, सरेंडर से पहले सभी नक्सली अबूझमाड़ के कुतुल इलाके में सक्रिय थे। सभी ने नारायणपुर एसपी की मौजूदगी में हथियार डाले है और हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज के मुख्यधारा में शामिल होने की मंशा जाहिर की है। पुलिस ने बताया कि सभी माओवादियों को सरकार के पुनर्वास नीति के तहत नकद, आवाज और आजीविका की सुविधा मिलेगी।
अब आखिरी साँसे गिन रहा नक्सलवाद
बता दें कि देशभर के 13 राज्यों में फैला नक्सलवाद अब अपनी आखिरी साँसे गिन रहा है। बड़े माओवादी नेताओं के एनकाउंटर और छोटे कॉडर के नक्सलियों के असहयोग और सरेंडर के बाद माओवाद की कमर लगभग टूट चुकी है। केंद्र के निर्देश पर लगातार अभियान चलाये जा रहे है और नक्सलियों को ढेर किया जा रहा है। यही वजह है कि कभी सैकड़ों की संख्या में एकजुट होकर पुलिस और आम लोगों पर हमला करने वाले नक्सलियों का समूह मुठभेड़ और गिरफ्तारी से बचने के लिए छोटे-छोटे समूहों में बंट गया है। बड़ी लीडर पहले ही भूमिगत हो चुके हैं।
बहरहाल नक्सलियों के खिलाफ सबसे अधिक और उल्लेखनीय सफलता छत्तीसगढ़ की पुलिस और बस्तर में तैनात सुरक्षा बलों को हासिल हुई है। सरकार के प्रयास और पुलिस की जनजागरूकता के चलते हर दिन बड़ी पैमाने पर माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
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