NHM Worker Protest: छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य कर्मचारियों का अनोखा आंदोलन, सेवा गीतों में नाचते गाते हुए किया विरोध प्रदर्शन
NHM Worker Protest: धमतरी जिले में 593 एनएचएम कर्मचारी गांधी मैदान में अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं। धरने का नजारा आज कुछ अलग ही रहा, जहां मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री का मुखौटा लगाकर कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ी गीतों पर थिरकते हुए सरकार पर व्यंग्य कस डाला।
NHM Worker Protest, image source: ibc24
- एनएचएम कर्मचारियों का आंदोलन चौथे दिन भी जारी
- प्रमुख मांगों में नियमितीकरण, वेतन विसंगति दूर करने की मांग
- एनएचएम कर्मचारियों का अनोखा विरोध प्रदर्शन
धमतरी: NHM Worker Protest, छत्तीसगढ़ में एनएचएम कर्मचारियों का आंदोलन लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर चौथे दिन भी कर्मचारी हड़ताल पर डटे हुए हैं। धमतरी जिले में 593 एनएचएम कर्मचारी गांधी मैदान में अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं। धरने का नजारा आज कुछ अलग ही रहा, जहां मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री का मुखौटा लगाकर कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ी गीतों पर थिरकते हुए सरकार पर व्यंग्य कस डाला।
Chhattisgarh NHM Worker Protest,
धमतरी के गांधी मैदान में एनएचएम कर्मचारियों का आंदोलन चौथे दिन भी जारी रहा। अपनी मांगों को लेकर लामबंद हुए 593 कर्मचारी इस बार विरोध का अनोखा तरीका अपनाते हुए नजर आए। धरना स्थल पर कर्मचारी मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री का मुखौटा पहनकर छत्तीसगढ़ी सेवा गीतों पर जमकर थिरके। उन्होंने नेताओं को पत्थर का देवता मानते हुए गीतों पर ठुमके लगाए।यह नजारा वहां मौजूद लोगों के लिए अनोखा ही नहीं बल्कि सरकार पर एक बड़ा तंज भी था।
धरने में संगठन की प्रदेश महासचिव भी शामिल हुईं। उन्होंने साफ कहा कि सरकार जब तक कर्मचारियों की 10 सूत्रीय मांगों को पूरा नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उनकी प्रमुख मांगों में नियमितीकरण, वेतन विसंगति दूर करने और सेवा शर्तों में सुधार जैसे मुद्दे शामिल हैं। धरने का असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ना शुरू हो गया है। अस्पतालों के एसएनसीयू, डिलीवरी वार्ड, टीकाकरण और अन्य विशेष सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। धरने पर बैठे कर्मचारी कहते हैं कि वे मजबूरी में सड़क पर उतरे हैं, वरना आमजन की सेवा ही उनका पहला धर्म है ।
बहरहाल, एनएचएम कर्मचारियों के इस अनोखे विरोध ने सरकार का ध्यान जरूर खींचा है…लेकिन सवाल यह है कि क्या कर्मचारियों की यह आवाज़ सत्ता के गलियारों तक पहुंचेगी और अगर पहुंचेगी भी तो क्या सरकार उनकी मांगों को पूरा करेगी?फिलहाल इतना तय है कि जब तक हल नहीं निकलता, तब तक स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होती रहेंगी और आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
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