पैरों से अपनी किस्मत लिख रहा है दिव्यांग निशांत, बड़े होकर कलेक्टर बनने की है चाह, DM ने दिया मदद का भरोसा

Divyang Nishant studies with his feet, wants to become a collector

पैरों से अपनी किस्मत लिख रहा है दिव्यांग निशांत, बड़े होकर कलेक्टर बनने की है चाह, DM ने दिया मदद का भरोसा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:49 pm IST
Published Date: February 22, 2022 5:29 pm IST

बलरामपुर: Divyang Nishant studies जिले के डूमरखी में निशांत अपनी किस्मत पैरों से लिख रहा है। दरअसल निशांत पैकरा बचपन से दिव्यांग है। उसे पढ़ने का शौक है। इसलिए स्कूल में हाथ काम न करने की वजह से पैर से लिखता है। निशांत की लगन को देखकर उसकी मां संक्रांति पैकरा रोज उसे स्कूल लेकर आती हैं। अब निशांत कलेक्टर बनना चाहता है।

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Divyang Nishant studies मां का कहना है कि दिव्यांग स्कूल में एडमिशन हो जाए तो निशांत की अच्छे से पढ़ाई हो जाएगी। निशांत से कलेक्टर कुंदन कुमार भी मिल चुके हैं और निशांत को व्हील चेयर भी अवेलेवल करवाई। कलेक्टर का कहना है कि प्रशासन दिव्यांग स्कूल में निशांत के एडमिशन के लिए मदद करेगा।

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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।