शह मात The Big Debate: डबल बंगले पर घमासान.. क्यों मचा सियासी बवाल? क्या बंगले के बहाने सरकार को घेरना चाहता है विपक्ष? देखिए ये वीडियो

डबल बंगले पर घमासान.. क्यों मचा सियासी बवाल? Double bungalows for ministers in Chhattisgarh and allegations of extravagance

शह मात The Big Debate: डबल बंगले पर घमासान.. क्यों मचा सियासी बवाल? क्या बंगले के बहाने सरकार को घेरना चाहता है विपक्ष? देखिए ये वीडियो
Modified Date: October 8, 2025 / 11:56 pm IST
Published Date: October 8, 2025 11:23 pm IST

रायपुरः छत्तीसगढ़ में मंत्रियों के डबल बंगले और उस फिजूलखर्ची के आरोप पर अब सियासत गर्म हो गई है। नवा रायपुर में मंत्रियों के नए बंगले लेने के बाद भी पुराने बंगलों को ना छोड़ने पर कांग्रेस ने प्रदेश की बीजेपी सरकार को कटघरे में खड़ा किया, जिस पर बीजेपी ने उनकी सरकार के पुराने केस सामने लाकर कांग्रेस को वेवजह के मुद्दा बनाने का आरोप लगाया है।ॉ

दरअसल, देश का सबसे आधुनिक, सुव्यवस्थित, सर्व सुविधायुक्त प्लान्ड सिटी का तमगा हासिल, नवा रायपुर को राजधानी के रूप में विकसित करने में सरकार ने अरबों रुपए खर्चे सालों से नई राजधानी में बसाहट पर भी करोड़ों खर्च किए जा रहे हैंइसके लिए वहां मंत्रालय भवन, विधानसभा भवन, विभाग मुख्यालयों से लेकर नया मुख्यमंत्री निवास बनवाया गयाइसके अलावा सरकार में शामिल सभी मंत्रियों और अफसरों के लिए भी आलीशान बंगले तैयार कराए गएराज्य सरकार के आधा दर्जन से अधिक मंत्री नवा रायपुर में शिफ्ट भी हो गए, लेकिन कई मंत्रियों ने अब भी रायपुर के पुराने बंगलों को खाली नहीं किया हैमुद्दे पर विपक्ष ने आपत्ति जताते हुए2 बंगले रखने वाले मंत्रियों से अतिरिक्त किराया वसूलने की मांग की है।

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मंत्रियों के पास 2-2 बंगले क्यों हैं, इस सवाल पर बीजेपी सरकार में शामिल मंत्री जल्द ही सभी के पूरी तरह से नवा रायपुर में शिफ्ट होने की बात कहते हैंफिलहाल साय कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत कुल 14 मंत्री हैंसभी 14 मंत्रियों को नवा रायपुर में शानदार नए बंगले अलॉट हैंसभी मंत्रियों ने पूजा-पाठ कर बंगलों पर कब्जा ले लिया है, 5 मंत्रियों ने नवा रायपुर में शिफ्ट भी कर लिया है, लेकिन किसी ने भी पुराना बंगला नहीं छोड़ा हैकेवल कृषि मंत्री रामविचार नेताम और 3 नए मंत्रियों के पास ही नवा रायपुर में 1-1 बंगला अलॉट है, बाकि 10 मंत्रियों के पास तकनीकि तौर पर 2-2 बंगले हैं।


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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।