रायपुरः छत्तीसगढ़ में मंत्रियों के डबल बंगले और उस फिजूलखर्ची के आरोप पर अब सियासत गर्म हो गई है। नवा रायपुर में मंत्रियों के नए बंगले लेने के बाद भी पुराने बंगलों को ना छोड़ने पर कांग्रेस ने प्रदेश की बीजेपी सरकार को कटघरे में खड़ा किया, जिस पर बीजेपी ने उनकी सरकार के पुराने केस सामने लाकर कांग्रेस को वेवजह के मुद्दा बनाने का आरोप लगाया है।ॉ
दरअसल, देश का सबसे आधुनिक, सुव्यवस्थित, सर्व सुविधायुक्त प्लान्ड सिटी का तमगा हासिल, नवा रायपुर को राजधानी के रूप में विकसित करने में सरकार ने अरबों रुपए खर्चे। सालों से नई राजधानी में बसाहट पर भी करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं। इसके लिए वहां मंत्रालय भवन, विधानसभा भवन, विभाग मुख्यालयों से लेकर नया मुख्यमंत्री निवास बनवाया गया। इसके अलावा सरकार में शामिल सभी मंत्रियों और अफसरों के लिए भी आलीशान बंगले तैयार कराए गए। राज्य सरकार के आधा दर्जन से अधिक मंत्री नवा रायपुर में शिफ्ट भी हो गए, लेकिन कई मंत्रियों ने अब भी रायपुर के पुराने बंगलों को खाली नहीं किया है। मुद्दे पर विपक्ष ने आपत्ति जताते हुए। 2 बंगले रखने वाले मंत्रियों से अतिरिक्त किराया वसूलने की मांग की है।
मंत्रियों के पास 2-2 बंगले क्यों हैं, इस सवाल पर बीजेपी सरकार में शामिल मंत्री जल्द ही सभी के पूरी तरह से नवा रायपुर में शिफ्ट होने की बात कहते हैं। फिलहाल साय कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत कुल 14 मंत्री हैं। सभी 14 मंत्रियों को नवा रायपुर में शानदार नए बंगले अलॉट हैं। सभी मंत्रियों ने पूजा-पाठ कर बंगलों पर कब्जा ले लिया है, 5 मंत्रियों ने नवा रायपुर में शिफ्ट भी कर लिया है, लेकिन किसी ने भी पुराना बंगला नहीं छोड़ा है। केवल कृषि मंत्री रामविचार नेताम और 3 नए मंत्रियों के पास ही नवा रायपुर में 1-1 बंगला अलॉट है, बाकि 10 मंत्रियों के पास तकनीकि तौर पर 2-2 बंगले हैं।