Dhamtari News: अब AI करेगा खेती आसान, कार्यशाला में किसानों को मिली आधुनिक तकनीक की जानकारी

Dhamtari News: अब AI करेगा खेती आसान, कार्यशाला में किसानों को मिली आधुनिक तकनीक की जानकारी

Dhamtari News: अब AI करेगा खेती आसान, कार्यशाला में किसानों को मिली आधुनिक तकनीक की जानकारी

Dhamtari News

Modified Date: December 19, 2025 / 05:49 pm IST
Published Date: December 18, 2025 9:00 pm IST

धमतरी: Dhamtari News कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों के प्रभावी उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा एक महत्वपूर्ण पहल की गई। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला में वर्जिनिया यूनिवर्सिटी (अमेरिका) के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अभिलाष चंदेल ने जिले के किसानों एवं कृषि से जुड़े अधिकारियों को “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन एग्रीकल्चर” विषय पर विस्तृत जानकारी प्रदान की।

Dhamtari News कार्यशाला में कृषि, उद्यानिकी एवं पशु चिकित्सा सेवाओं के जिला एवं विकासखंड स्तरीय अधिकारी, प्रगतिशील किसान एवं उद्यानिकी उत्पादक उपस्थित रहे। डॉ. चंदेल ने प्रिसीजन फार्मिंग (सटीक कृषि) की अवधारणा, उपयोगिता एवं भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि AI आधारित तकनीकों के माध्यम से खेती को अधिक लाभकारी, टिकाऊ एवं पर्यावरण अनुकूल बनाया जा सकता है।

डॉ. चंदेल ने बताया कि प्रिसीजन फार्मिंग में GPS, ड्रोन, सेंसर, सैटेलाइट इमेजरी एवं डेटा एनालिटिक्स जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर खेत के प्रत्येक हिस्से की अलग-अलग आवश्यकताओं का आकलन किया जाता है। इससे सही समय पर, सही स्थान पर और सही मात्रा में पानी, उर्वरक एवं कीटनाशकों का उपयोग संभव होता है, जिससे उत्पादन में वृद्धि और लागत में कमी आती है।

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उन्होंने कहा कि इस तकनीक से फसल उत्पादकता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी, जल एवं उर्वरकों का बेहतर प्रबंधन तथा फसल गुणवत्ता में सुधार होता है। रासायनिक तत्वों के संतुलित उपयोग से मिट्टी एवं जल संरक्षण को भी बढ़ावा मिलता है, जो पर्यावरण संतुलन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। डॉ. चंदेल ने ड्रोन एवं सेंसर आधारित डेटा संग्रह, GIS एवं सॉफ्टवेयर द्वारा विश्लेषण तथा GPS आधारित स्मार्ट मशीनों से सटीक कृषि कार्यप्रणाली की जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने किसानों की जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए उनके प्रश्नों के व्यावहारिक उत्तर भी दिए।

कार्यक्रम की शुरुआत में कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने डॉ. चंदेल का परिचय देते हुए कहा कि आज की खेती को तकनीक, नवाचार और वैज्ञानिक सोच से जोड़ना समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और प्रिसीजन फार्मिंग जैसी आधुनिक तकनीकें किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन और सतत कृषि की ओर अग्रसर करेंगी।

कलेक्टर मिश्रा ने विश्वास व्यक्त किया कि इस प्रकार की कार्यशालाएँ किसानों को भविष्य की कृषि के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि जिले के किसान तकनीक अपनाने में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और शासन की मंशा है कि ड्रोन, सेंसर एवं डेटा आधारित निर्णय प्रणाली जैसी नवाचारी तकनीकों का लाभ जमीनी स्तर तक पहुँचे। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि जल संरक्षण, मिट्टी की उर्वरता एवं पर्यावरण संतुलन को भी मजबूती मिलेगी।

कार्यशाला में उपस्थित किसानों एवं कृषि अधिकारियों ने इसे अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि AI एवं प्रिसीजन फार्मिंग को अपनाकर किसान आत्मनिर्भर एवं लाभकारी खेती की दिशा में तेजी से आगे बढ़ सकते हैं। यह पहल जिले में आधुनिक, टिकाऊ और समृद्ध कृषि को नई दिशा देने वाली सिद्ध होगी।


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।