Dhamtari News: पूर्व सरपंच और ग्रामीणों ने की इच्छा मृत्यु की मांग, आवेदन लेकर पहुंचे कलेक्ट्रेट, वजह जानकर कलेक्टर भी रह गए हैरान

Dhamtari News; भारतमाला प्रोजेक्ट से जुड़े घोटाले को उजागर करने वाले पूर्व सरपंच और ग्रामीणों ने इच्छा मृत्यु की मांग कर दी है।

  • Reported By: Devendra Mishra

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  • Publish Date - December 20, 2025 / 02:13 PM IST,
    Updated On - December 20, 2025 / 02:35 PM IST

Dhamtari News/Image Cedit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • धमतरी जिले के सिवनी के पूर्व सरपंच और ग्रामीणों ने की इच्छा मृत्यु की मांग।
  • सभी ने कलेक्टर को ज्ञापन इच्छा मृत्यु की मांग की है।
  • पूर्व सरपंच और ग्रामीणों ने किया था भारत माला प्रोजेक्ट घोटाले का खुलासा।

Dhamtari News: धमतरी: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां भारतमाला प्रोजेक्ट से जुड़े कथित घोटाले को उजागर करने वाले पूर्व सरपंच और ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से इच्छा मृत्यु की मांग कर दी है। पूर्व सरपंच का आरोप है कि, शिकायत करने की कीमत उन्हें मानसिक प्रताड़ना के रूप में चुकानी पड़ रही है।

पूर्व सरपंच और ग्रामीणों ने की इच्छा मृत्यु की मांग

धमतरी जिले के ग्राम सिवनी कला के ग्रामीण उस वक्त हैरान रह गए जब गांव के पूर्व सरपंच ईश्वर लाल साहू अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ सीधे कलेक्टर और एसपी कार्यालय पहुंच गए। हाथों में आवेदन और जुबां पर एक ही मांग इच्छा मृत्यु । मामला भारतमाला प्रोजेक्ट से जुड़ा है। पूर्व सरपंच ईश्वर साहू का आरोप है कि उन्होंने भारतमाला प्रोजेक्ट में हुए कथित घोटाले की शिकायत की थी, लेकिन इसके बाद उन्हें न्याय मिलने के बजाय, दबाव और प्रताड़ना झेलनी पड़ी।

पूर्व सरपंच के क्या है आरोप

Dhamtari News: पूर्व सरपंच का आरोप है कि शिकायत के बाद एक सत्ताधारी नेता के दबाव में उनके खिलाफ बदले की कार्रवाई की जा रही है। उनके मुताबिक लगातार नोटिस, जांच और आरोपों के चलते वे मानसिक रूप से टूट चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर इस तरह शिकायत करने वालों को दबाया जाएगा तो गांवों में लोकतंत्र और पारदर्शिता सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह जाएगी।

कलेक्टर ने दिलाया निष्पक्ष जांच का भरोसा

मामला सामने आने के बाद कलेक्टर अविनाश मिश्रा ने पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है। फिलहाल प्रशासन ने जांच का आश्वासन दिया है… लेकिन सवाल यही है कि क्या शिकायतकर्ता को इंसाफ मिलेगा या फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की यही कीमत चुकानी पड़ेगी?

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